जीत और हार का सीन ही न पलट दे यह नोटा

लोकसभा चुनाव 2019 के प्रथम चरण के मतदान में  2 दिन शेष है । ऐसे में प्रचार का शोर भी कुछ ही घण्टो में थम जाएगा । लेकिन ऐसे में नोटा दबाने की चेतावनी दे रहे मतदाताओं का रुख क्या होगा? इसको लेकर सभी चिंतित हैं।विकास कार्य को देखते हुए उनकी नाराजगी भी जायज है । 

पिछले बार नोटा दबाने वालों ने अकेले सात निर्दलीय पार्टी से जुड़े प्रत्याशियों को मत दिये थे । नोटा 4 दलों को छोड़कर बाकी सात दालों से आगे रहा है । नोटा का प्रयोग करने वालों ने सपा प्रत्याशी को हटाने के लिए साथ आप प्रत्याशी को कड़ी टक्कर दी थी। 2014 में लोकसभा क्षेत्र में 13 विधानसभा क्षेत्र में 10328 लोगों ने नोटा दबाकर विरोध दर्ज किया । 

सबसे ज्यादा नोटा का प्रयोग भीमताल के लोगों ने किया ।  वही 1013 मतदाताओं ने नोटा दबाकर सभी प्रत्याशी को नकारा । लालकुआं सीट पर 916 मतदाताओं ने नोटा दबाया था । सपा प्रत्याशी अवतार सिंह 9831मत  लेकर नोटा से पीछे थे । निर्दलीय व अन्य दलों से जुड़े शकील अहमद को 2528 , भगवान स्वरूप को 1868 , कैलाश चंद को 1635, खष्टी सुयाल 802, आशाराम कश्यप को 1036 वोट मिले थे । आप प्रत्याशी बल्ली सिंह चीमा 13472 मत प्राप्त कर नोटा से आगे थे । नैनीताल सीट पर नोटा दबाने वालों की संख्या कम होगी इसकी उम्मीद नहीं है ।