चुनाव आयोग के खिलाफ विरोध प्रदर्शन और खुली चेतावनी

ऊधम सिंह नगर के रुद्रपुर में बहुजन क्रांति मोर्चा एवं बामसेफ के ऑफ सूट संगठन बहुजन मुक्ति पार्टी , भारत मुक्ति मोर्चा , राष्ट्रीय मूलनिवासी संघ आदि के कार्यकर्ताओं ने चुनाव कराने के लिए वीवीपैट मशीनों में लगे पर्चियों की गिनती ना कराने से चुनाव आयोग पर नाराजगी जाहिर करते हुए जोरदार प्रदर्शन करते हुए नारेबाजी की ।
इस दौरान विभिन्न संगठनों के कार्यकर्ताओ ने चुनाव आयोग पर लोकतांत्रिक एवं संविधान विरोधी कानून बनाने का आरोप लगाते हुए 56 सी ,56 डी एवं 49 एमo ए o आदेश को संविधान विरोधी आदेश बताते हुए उसकी छाया प्रति को भारत के संविधान निर्माता बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के चित्र के सामने दहन किया ।
इस दौरान बहुजन क्रांति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष धनराज भारती ने कहा कि मुक्त एवं निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए पेपर ट्रेल मशीन की अनिवार्य आवश्यकता है । सुप्रीम कोर्ट ने दोनों पक्षों के द्वारा कोर्ट में रखी गई सामग्रियों से संतुष्ट होते हुए 8 अक्टूबर 2013 को अपने आदेश में कहा था कि वीवीपैट से ही मतदाताओं का ईवीएम से खोया हुआ विश्वास प्राप्त किया जा सकता है। ईवीएम के साथ लगाई गई वीवीपैट सिस्टम मतगणना प्रणाली को आधुनिकता सुनिश्चित करती है इस प्रणाली में पूरी पारदर्शिता रखने हेतु और मतदान का खोया विश्वास पुनः बहाल करने के उद्देश्य से ईवीएम के साथ वीवीपैट प्रणाली लगाना आवश्यक है, क्योंकि मत(वोट)मतदाता के क्रिया ( कृत्य ) की अभिव्यक्ति है जिसका लोकतांत्रिक प्रणाली में अत्यधिक महत्व है । भारतीय चुनाव आयोग ने देश में पारदर्शी चुनाव कराने के लिए ईवीएम के साथ वीवीपैट मशीन लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट के समक्ष 36 सौ करोड़ रुपए की मांग रखी थी। सुप्रीम कोर्ट ने पारदर्शी चुनाव कराने के लिए 36 सौ करोड़ रुपए चुनाव आयोग को उपलब्ध कराने के लिए भारत सरकार को आदेश दिया था। चुनाव आयोग ने पारदर्शी चुनाव कराने के लिए देशभर में ईवीएम के साथ वीवीपैट मशीन तो लगाई है परंतु केवल 5% वीवीपैट मशीन की पर्चियों की गिनती कराने के लिए चुनाव आयोग ने इलेक्शन कंडक्ट रूल 56 सी , 56डी एवं 49एमo एo लोकतंत्र एवं संविधान विरोधी आदेश जारी कर देश के मताधिकारों के साथ महाधोखा किया है ।
उन्होंने कहा की अगर ईवीएम के द्वारा ही मतों की काउंटिंग करानी थी तो फिर वीवीपैट से पारदर्शी चुनाव कराने के नाम पर वीवीपैट मशीन खरीदने के लिए देश की जनता का 36 सौ करोड़ रूपया बर्बाद कर देश के मताधिकारियों के साथ धोखा क्यों किया ? जबकि बीजेपी के अलावा देश के सभी राजनीतिक पार्टियां ईवीएम सिस्टम के विरोध में खड़ी है। इसीलिए लोकतंत्र की रक्षा हेतु लोकतंत्र विरोधी चुनाव आयोग के आदेश का दहन किया गया है और चुनाव आयोग से मांग की गई है कि मतदाताओं का लोकतंत्र में विश्वास कायम करने एवं पारदर्शी चुनाव कराने के लिए सभी वीवीपैट मत पर्चियों की गिनती कराई जाए । अगर वीवीपैट की मत पर्चियों की गिनती नहीं कराई गई तो बहुजन क्रांति मोर्चा एवं बामसेफ के ऑफ सूट संगठनों के कार्यकर्ताओं द्वारा 23 मई 2019 की शाम से भारत बंद करने पर मजबूर होंगे जिसकी जिम्मेदारी मौजूदा सरकार की होगी ।