चुनावी दंगल में बढ़ा मुर्गों का भाव, 200 रुपये के पार पहुंची कीमत

चुनाव के नजदीक आते ही मुर्गों की कीमत में उछाल आ गया है. कई लोगों का कहना है कि चुनाव के समय अक्सर मुर्गों के रेट में बढ़ोत्तरी हो जाती है. वहीं दुकानदारों ने बताया कि गर्मियों में मुर्गों को पालना फायदेमंद नहीं होता है, इस वजह से मुर्गे कम पाले जाते हैं और उनकी कीमत बढ़ जाती है|
मतदान के लिए हुआ ईवीएम का रेंडमाइजेशन, प्रत्याशियों और प्रतिनिधियों ने जताई सहमति बता दें कि जिंदा मुर्गा 95 से लेकर 100 रुपये प्रति किलो थोक में बिक रहा है. जबकि बाजार में बिकने वाले मुर्गे की कीमत 180, 200 और 210 रुपये तक पहुंच गई है. वहीं बाजार से दूरस्थ क्षेत्रों में मुर्गे की कीमत 200 से लेकर 210 रुपये प्रति किलो तक भी देखने को मिल रही है.मुर्गे के थोक विक्रेताओं का कहना है कि गर्मी के सीजन में फार्म में मुर्गे कम पाले जाते हैं. उन्होंने बताया कि गर्मियों के समय पर मुर्गों को पालने के लिए अधिक खर्चा उठाना पड़ता है|
साथ ही गर्मी के समय मुर्गों के मरने की संभावनाएं भी अधिक बढ़ जाती है. जिस वजह से मुर्गे की पैदावार गर्मी के सीजन में कम होती है. वहीं पिछले कई सालों से यह भी देखा गया है कि चुनाव का समय करीब आते ही मुर्गे की कीमत में उछाल आ जाता है.