चारधाम यात्रा के दौरान स्थानीय सेवाएं नहीं होंगी प्रभावित

चारधाम यात्रा शुरु होने में अब कुछ ही समय बाकी है, इसी को देखते हुए प्रत्येक विभाग अपनी-अपनी तैयारियों में जुट गए हैं।यात्रा के दौरान अक्सर पर्वतीय मार्गों पर वाहनों की खासी कमी हो जाती है।अधिकांश वाहन स्वामी इन दिनों अपने वाहनों को यात्रा में लगाने को ज्यादा तरजीह देते हैं। इस कारण पर्वतीय क्षेत्रों के स्थानीय लोगों को खासी असुविधा का सामना करना पड़ता है।इसे देखते हुए परिवहव विभाग इस बार संपर्क मार्गों पर विशेष फोकस रखने की कोशिश कर रहा है,इन मार्गों पर वाहन कम न पड़ें,इसके लिए सभी सहायक प्रवर्तन अधिकारियों को ऐसे सभी मार्गों की सूची तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि सीजन के दौरान इन मार्गों पर वाहनों की व्यवस्था सुनिश्चित की जा सके।हालांकि परिवहन विभाग की ओर से पहले से ही यात्रा के लिए वाहनों को 60 व 40 के अनुपात में यात्रा में लगाया जाता है।यानि 60 प्रतिशत वाहन स्थानीय मार्गों पर व 40 प्रतिशत वाहन यात्रा मार्ग पर लगेंगे।शुरुआती दिनों में इसका अनुपालन होता है,लेकिन जैसे-जैसे यात्रा चरम पर बढ़ने लगती है वाहनों की कमी होने लगती है।इसके चलते स्थानीय मार्गों से वाहन यात्रा में लग जाते हें,जिसका असर स्थानीय सेवाओं पर पड़ता है।यात्रा में वाहन कम न पड़ें,इसके लिए संयुक्त रोटेशन के साथ रोड़वेज की बसें लगाई जा रही हैं। आपात स्थिति के लिए 80 सिटी बसें व इतनी ही स्कूल बसों की बैकल्पिक व्यवस्था की जा रही है।