खाकी के रौब से दहशत में लोग

आम आदमी की सुरक्षा में लगी पुलिस अगर मनमानी पर उतर आये और पीड़ित के साथ ही गाली-गलौज करने लगे तो आम आदमी में पुलिस की दहशत होना लाजिमी है, और उस पर भी पुलिस की गाली-गलौज और उत्पीड़न का शिकार अगर महिलायें हों तो इसे पुलिस का आतंक ही कहा जायेगा। उत्तराखण्ड की मित्र पुलिस का कुछ ऐसा ही चेहरा सामने आया है|मामला ऊधमसिंह नगर जनपद के मुख्यालय रुद्रपुर स्थित थाना ट्रान्जिट कैम्प का है, जहां अधिकारियों की नाक के नीचे बैठे थानाध्यक्ष जमीनों पर कब्जा दिलाने और महिलाओं के साथ गाली-गलौज करने से नहीं चूक रहे हैं।
हाल ही में सामने आये इस तरह के 2 मामलों में से एक में पीड़ित युवती ने बताया कि ट्रान्जिट कैम्प थाने की पुलिस उसे और उसके परिवार की 3 अन्य महिलाओं को घर से उठा कर ले गयी और थानाध्यक्ष ने थाने में उन्हें गन्दी-गन्दी गालियां दीं। युवती ने बताया कि हमारे प्लाॅट पर कोई कब्जा करने की कोशिश कर रहा था, हमने उसे रोकने की कोशिश की जिस पर थानाध्यक्ष हम 4 महिलाओं को उठाकर ले गये। वहीं युवती का आरोप है कि थानाध्यक्ष ने बिना हमारी बात सुने एकपक्षीय कार्यवाही करते हुये दूसरे पक्ष से कहा कि इन्हें हम देखते हैं तू जाकर मकान बना।
वहीं दूसरे मामले में पीड़ित महिला रो-रो कर अपनी व्यथा सुनाती नजर आयी। मामला उस महिला की नाबालिग लड़की का है, फिर भी साहब लोगों का दिल नहीं पसीजा। पीड़ित महिला की नाबालिग लड़की को उत्तर प्रदेश के चंदौसी का एक लड़का भगाकर ले गया। महिला की गुहार जब पुलिस ने नहीं सुनी तब वह न्यायालय की शरण में गयी। न्यायालय द्वारा आदेश होने के बाद भी महिला ने पुलिस साहब को जाने के लिये ए.सी. गाड़ी किराये पर करके दी। ट्रांजिट कैम्प थाना पुलिस लड़की और लड़का दोनों को ले आयी। लड़के को जेल भेज दिया और लड़की माँ के हवाले कर दी। पीड़ित महिला फिर थाना ट्रान्जिट कैम्प गयी तो पुलिस उल्टा महिला को ही धमका रही है। पुलिस कहती है कि लड़की ला नहीं तो तुझे जेल में डाल देंगे। पीड़ित महिला ने आरोप लगाया है कि पुलिस उल्टा उसी को धमका रही है और गाली गलौज कर रही है। पीड़ित महिला दुःखी होकर आत्महत्या को मजबूर है।
इन दोनो ही मामले में पुलिस के बड़े अधिकारियों ने मामले कुछ भी कहने से अपना पल्ला झाड़ते हुए मामले की जानकारी न होने की बात कही है ।