कड़े हिदायत के वाबजूद भी निजी अस्पताल उड़ा रहे हैं नियमों की धज्जियां

एक तरफ जब पूरा देश कोरोना के महामारी से जूझ रहा है हर कोई कोरोना वायरस के सक्रमण से भयभीत है। तो वही समय समय पर देश के प्रधानमंत्री भी लगतार देशवासियों से स्वच्छता की अपील करते है । और तो और कड़े शब्दों में सरकारी विभागों की हिदायत के बावजूद भी जिले में जैव चिकित्सकीय कचरे (बायो मेडिकल वेस्ट) खतरनाक कचरे को कुछ निजी अस्पताल जानबूझकर खुले व फसलदार खेतों में फेंक रहे है । जिससे कोरोना वायरस या अन्य ख़तरनाक बीमारियों के संक्रमण के ख़तरे की आशंका बढ़ रही है । 

स्वास्थ्य विभाग ने किसी भी सूरत में बायो मेडिकल वेस्ट को खुले में न फेंकने का निर्देश दे रखा है। निस्तारण के नियम भी तय किए गए हैं। बावजूद इसके जिले के अधिकांश अस्पतालों में इसका पालन नहीं हो रहा। निजी अस्पताल खुले में कचरा फेंक रहे हैं। 



ताजा मामला महानगर के रुद्रपुर के भगवानपुर का है जहां एक निजी अस्पताल के बायो मेडिकल बेस्टीज के कचरे को वहां के निवासी एडवोकेट अजय कुमार के खेतों में फेंका गया था । दरअसल सुबह मॉर्निंगवॉक के लिए एडवोकेट अजय कुमार अपने घर से निकले तो उन्होंने देखा कि नेशनल हाईवे से सटे उनके फसलदार खेतों में किसी ने बायो मेडिकल वेस्ट के कचरे को फैक हुआ है । अजय ने फेंके वेस्टिज खचरें को ध्यान से देखा तो पता चला कि भगवानपुर में ही स्थित नजदीकीय प्रताप हॉस्पिटल का वेस्टिज खचड़ा है । और काफी मात्रा में उनके फसलदार खेतों में खचड़ा फेंका गया है ।  फिलहाल फेंके गए कचड़े की वीडियो सोशल मीडिया में खूब वायरल हो रही है और लोगो तरह-तरह के कमेंट के माध्यम से निंदा कर रहे हैं । जहा एक ओर पूरा देश कोरोना वायरस के संक्रमण व महामारी से भयभीत है ऐसे में निजी अस्पताल के नियमों के उल्लंघन पर सम्बंधित विभाग या जिला प्रशासन किस तरह के की कार्रवाई करता है ।