कोरोनेशन अस्पताल को जिला अस्पताल बनाने के बाद क्या स्वास्थ्य व्यवस्थाओं में होगा सुधार

उत्तराखण्ड़ में पिछले18सालों में सरकारें भले ही बदली,लेकिन जो नहीं बदला वह हैं बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्थाएं।समय-समय पर आई सरकारों ने स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को सुदृढ़ करने का दम भरा,लेकिन स्वास्थ्य व्यवस्थाएं बेपटरी होती गई।प्रदेश की राजधानी देहरादून के सबसे बड़े अस्पताल दून अस्पताल को दून मेडिकल कॉलेज बना दिया गया,मेडिकल कॉलेज बनने के साथ ही दून अस्पताल की जिला अस्पताल के रुप में मान्यता स्वत: ही खत्म हो गयी।जिसके बाद देहरादून में जिला अस्पताल की तलाश शुरु हो गयी।यह तलाश अब पंडित दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल पर जाकर खत्म हुई,राज्य सरकार ने कोरोनेशन अस्पताल को जिला अस्पताल का दर्जा दे दिया है।कोरोनेशन अस्पताल को जिला अस्पताल का दर्जा मिलने के बाद अस्पताल के सीएमएस डॉ बीसी रमोला ने कहा कि सरकार ने जिला अस्पताल घोषित करते-करते काफी देर कर दी है।लेकिन अब दर्जा देने के बाद सरकार को जिला अस्पताल के रुप में विकसित भी करना होगा,यहां जरूरी उपकरण देने होंगे,जिससे मरीजों को दिक्कतों का सामना ना करना पड़ें।उन्होंने सरकार से जल्द अस्पताल को सभी उपकरण मुहैया कराने की मांग की,ताकि यह अस्पताल सिर्फ कागजों में जिला अस्पताल बनकर न रह जाए।