कोरोना को लेकर जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को दिए अहम आदेश

उत्तराखंड हाई कोर्ट ने अधिवक्ता दुष्यंत मैनाली व हरिद्वार निवासी सच्चिदानंद डबराल द्वारा दायर जनहित याचिकाओं की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई करते हुए स्वास्थ्य सचिव से प्रदेश के सीमावर्ती इलाकों में क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाने के पूर्व में दिए गए आदेश के बारे में अवगत कराने के लिए कहा। 


स्वास्थ्य सचिव द्वारा न्यायालय को बताया गया कि कई ढांचागत समस्याओं को देखते हुए प्रदेश के सीमावर्ती इलाकों की जगह सीमावर्ती जिलों में जिनमें जिला हरिद्वार उधमसिंह नगर देहरादून और नैनीताल में सेंट्रलाइज्ड कोरेंटिन सेंटर की व्यवस्था की जा रही है जिसमें प्रवासियों को जो कि रेड जोन से आ रहे हैं उनको रखा जाएगा। 

इस सम्बन्ध में आईसीएमआर की फिर से स्वीकृति प्राप्त होने पर टेस्टों  की संख्या को भी बढ़ाया जाएगा।


वर्तमान में 4000 टेस्ट किट पूरे प्रदेश में वितरित कर दिए गए हैं। न्यायालय ने टेस्ट की क्षमता को शीघ्र बढ़ाकर कोर्ट में रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा है।प्रदेश के कई ग्रामीण इलाकों में स्थित क्वॉरेंटाइन सेंटर्स की अव्यवस्थाओं के बारे में याचिकाकर्ता द्वारा न्यायालय को अवगत कराया गया जिस पर न्यायालय ने सचिव जिला विधिक सहायता प्राधिकरण नैनीताल उधम सिंह नगर देहरादून और हरिद्वार को आदेशित किया है कि वह इन जिलों में स्थित क्वॉरेंटाइन सेंटर की व्यवस्थाओं का निरीक्षण स्वयं जाकर करें और तीन दिन के  भीतर  इन जिलों के क्वॉरेंटाइन सेंटर की साफ-सफाई  भोजन और मूलभूत सुविधाओं जैसे टॉयलेट आदि की दुर्दशा के संबंध में  विस्तृत रिपोर्ट प्रेषित करेंगे।


कोर्ट ने सचिव स्वाथ्य को आदेश दिया है कि पिथौरागढ़ में स्थित एक कोरेंटिन सेंटर में संबंधित पुलिस अधिकारी द्वारा पूछताछ करने पर ही जिस प्रवासी के साथ मारपीट की गई उस प्रकरण में दोषी पुलिस अधिकारी के विरुद्ध कार्यवाही कर 3 दिन में न्यायालय को अवगत कराएंगे।


कोर्ट ने इस बात पर नाराजगी व्यक्त की है कि कई क्वॉरेंटाइन सेंटर में मूलभूत सुविधाओं का स्वास्थ्य सफाई और भोजन का अभाव है जिस पर स्वास्थ्य सचिव को त्वरित कार्यवाही कर 3 दिन के अंदर एक्शन टेकन रिपोर्ट पेश करेंगे। साथ ही कोर्ट ने स्वास्थ्य सचिव को सभी कोरेंटिन सेंटर की व्यवस्थाओं को अपग्रेड कर न्यायालय में लिखित रूप से रिपोर्ट पेश करेंगे।

क्वेंरनटिन सेंटर की अव्यवस्थाओं के बारे में जिला विधिक सहायता प्राधिकरण के सचिव जो कि संबंधित न्यायिक मजिस्ट्रेट होते हैं उनसे प्राप्त रिपोर्ट के आधार पर न्यायालय अगले आदेश पारित करेगा। मामले की सुनवाई के लिए कोर्ट ने 2 जून की तिथि नियत की है।


आपको बता दे अधिवक्ता दुष्यंत मैनाली ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि कोरोना वायरस से बचने के लिए राज्य सरकार व केंद्र मेडिकल कर्मियों की शुरक्षा को लेकर उदासीन हो रही है  जो उपकरण मेडिकल कर्मियों को दिए गए है वे मानको के अनुरूप नही है उनकी गुणवत्ता निम्न है। वही हरिद्वार निवासी सच्चिदानन्द डबराल ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि राज्य सरकार प्रदेश के प्रवासियों को उत्तराखंड में वापस ला रही है परंतु इनकी जांच बॉर्डर पर नही की जा रही है और न ही बॉर्डर पर इनकी खाने पीने रहने की कोई व्यवस्था की गई है।