कैम्पा के पैसे से बदलेगी प्रदेश की किस्मत

दुनिया भर मे बढ़ते ग्लोबल वार्मिंग की दशा सुधारने के लिए प्रयास जारी है लगभग सभी देश इस खतरे से उबरने के लिए वनों और वन्य जीवों के संरक्षण के लिए नियम बना रहे जिससे प्रकृति के गुस्से से बचा जा सके ! लेकिन हमारे देश मे वनों और वनीय जीवो के संरक्षण के लिए उठाए गए कदम का ज्यादा फायदा इंसान खुद उठा लेता है ऐसे में नुकसान ये हो रहा है कि देश मे बड़े स्तर पर जंगल नष्ट हो रहे है और वनीय जीव शहरी क्षेत्रों में अपनी मौजूदगी दर्ज करा रहे है ।केंद्र सरकार ने इसी तरह की समस्या से निपटने के लिए कैम्पा बिल तैयार किया है ! जिसका काम उद्योगों और विकास के नाम पर काटे गए पेड़ो की जगह नए पेड़ लगाने का कानून होगा ! केंद्र सरकार अब इसी तर्ज पर देश के सभी राज्यो को अब सी ए एफ का पैसा आबंटन करेगी ! दरअसल जो कंपनी अपने उद्योग लगाने के लिए या किसी भी कार्य को करने के लिए पेड़ काटते है तो वो कंपनी कॉम्पोशेषन के तौर पर सी ए एफ यानी कंपनेसेटरी अफॉरस्टेशन फंड में जमा करते है जो अब तक 42 हजार करोड़ रुपये हो गया है ! अब ये पैसा सरकार सभी राज्यो को बांटने जा रही है ! अब इस पैसे से राज्य सरकार वन संरक्षण की योजनाओं पर खर्च करेगी ।कैम्पा के लिए उत्तराखंड को 2600 करोड़ रुपये मिलेंगे लेकिन शायद राज्य सरकार इस पैसे को किसी और ही नजरिये से देख रही है ! वन मंत्री हरक सिंह रावत ने कैम्पा के लिए मिलने वाले इस पैसे को लेकर जो बात कही है उससे ये लगता है कि सरकार इस पैसे का उपयोग राज्य सरकार पर बढ़ते कर्ज को कम करने में भी करने वाली है । वह मंत्री की माने तो राज्य इतनी बड़ी रकम के ब्याज के पैसे से भी अपने कर्ज के बोझ को कम कर सकती है ! और तो और इस पैसे के दम पर सरकार लोन भी ले सकती है।