काशीपुर से रवाना होती है 'मौत की ट्रेन'

ऊधम सिंह नगर के काशीपुर में ट्रेन की छत पर सफर करना न केवल जान को जोखिम में डालना है,बल्कि रेलवे के नियमों का साफतौर पर उल्लंघन करना भी है। काशीपुर रेलवे स्टेशन पर भी यह नजारा आम होता जा रहा है, जहां हजारों यात्री प्रतिदिन धड़ल्ले से ट्रेन की छत पर सवार होकर यात्रा करते हैं। इन यात्रियों का ये सफर कभी भी मौत का सफर साबित हो सकता है। काशीपुर से मुरादाबाद जाने वाली ट्रेन में लोग जान जोखिम में डालकर सफर कर रहे हैं। 


बता दें कि काशीपुर स्टेशन से मुरादाबाद जाने वाली ट्रेन में लोग जान जोखिम में डालकर सफर कर रहे हैं। ऐसे में पलक झपकते ही कोई भी मौत के मुंह में समा सकता है, लेकिन रेलवे प्रशासन इस मामले में बिल्कुल भी गंभीर नहीं है। काशीपुर स्टेशन से मुरादाबाद को रवाना होती इस मौत की ट्रेन में कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है। किसी भी यात्री के लिए ये उसका आखिरी सफर बन सकता है।क्योंकि इस ट्रेन में यात्रियों की भीड़ इतनी ज्यादा हो जाती है कि यात्री ट्रेन की बोगी के डाले पर लटककर यात्रा करते हैं। दरअसल, काशीपुर से मुरादाबाद जाने वाली ट्रेनों में यात्रियों की संख्या काफी होती है । इसका कारण यह भी है कि मुरादाबाद के पास के गांवों से काफी मात्रा में मजदूर वर्ग मजदूरी करने रोजाना आता है और शाम को साढे़ पांच बजे वाली ट्रेन से वापस जाता है। बस के मुकाबले रेल किराया सस्ता होने की वजह से अधिकतर मजदूर वर्ग ट्रेन से ही वापस लौटता है।  जिससे ट्रेन में यात्रियों की भीड़ काफी हो जाती है। ऐसे में मुसाफिर ट्रेन की छतों पर चढ़कर भी यात्रा करने में गुरेज नहीं करते। यात्री ट्रेन के इंजन तथा बोगियों को जोड़ने वाले जंपरों पर जान जोखिम में डालकर यात्रा करते हैं.ये एक दिन का नहीं बल्कि रोजाना का काम है, लेकिन आरपीएफ के जवान भी इन लोगों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करते । इस मामले में आरपीएफ इंचार्ज ओपी मीना ने कहा कि इस तरह के मामलों को रोकने के लिए समय-समय पर चालान के साथ ही सख्त अभियान चलाये जाते हैं। ताकि, किसी भी प्रकार की दुर्घटना को रोका जा सके। बहरहाल, रेलवे प्रशासन की हीलाहवाली और मुसाफिरों की लापरवाही कभी भी उनकी जान पर भारी पड़ सकती है। ऐसे में आरपीएफ जवानों को भी सतर्क रहना होगा। ताकि किसी भी हादसे को रोका जा सके।