करोड़ो के घाटे में चल रहे वन विकास निगम को 22 करोड़ का फायदा पहुंचाने वाले सुरेश परिहार की मुख्यमंत्री ने थपथपाई पीठ।

दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री सुरेश परिहार इन दिनों चर्चाओं का विषय बने हुए हैं।"काम अगर ईमानदारी से किया जाए तो एक दिन अपना असर दिखाता ज़रूर है,शुरू में थोड़ी दिक्कत ज़रूर होती है लेकिन बाद में सब अच्छा हो जाता है",ये बात सुरेश परिहार के लिए किसी और ने नही बल्कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बीते रविवार को रुद्रपुर के एक निजी होटल में भाजपा के कार्यकर्ताओं के साथ हुई एक बैठक में कही।वन निगम अध्यक्ष दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री सुरेश परिहार की पीठ थपथपाते हुए और उनके द्वारा किये गए सराहनीय कार्यो के लिए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में 15 करोड़ का फायदा हुआ है।आपको बता दें कि सुरेश परिहार ने 10 मार्च 2019 को करोड़ो रूपये के घाटे में चल रहे वन विकास निगम के अध्यक्ष पद का पदभार ग्रहण किया था और अपने कुशल प्रबंधन,कड़ी मेहनत और ईमानदारी के दम पर वन विकास निगम को एक साल के अंदर ही तकरीबन 22 करोड़ रुपये का फायदा पहुंचाया।सुरेश परिहार का पद कितना ज़्यादा महत्वपूर्ण है आप इस बात का अंदाज़ा इसी से लगा सकते हैं कि पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के लिए अपनी विधानसभा सीट से इस्तीफा देने वाले हरीश धामी भी वन विकास निगम के अध्यक्ष बनाये गए थे,ये पद मामूली पद नही है,क्योंकि उत्तराखंड में वन विकास निगम वित्तीय संसाधनों से परिपूर्ण एक मजबूत निगम माना जाता है,हालांकि पिछले कई वर्षों से ये घाटे की स्थिति से जूझ रहा था जिसे सुरेश परिहार ने अपनी मेहनत और ईमानदारी से निगम को 22 करोड़ का फायदा पहुंचाया।