करीब 37 हजार 791 हेक्टेयर जंगल राज्य बनने के बाद जल कर हो चुके हैं खाक

गर्मियों के आते ही हर साल प्रदेश के जंगल में लगने वाली आग सरकार और वन विभाग के लिए एक बड़ी चुनौती लेकर आती है और हर साल जंगलों की आग बुझाने के लिए सरकार को करोड़ों रुपए खर्च करने पड़ते हैं।पर हर साल स्थिती फिर वही जस की तस बनी रहती है।
जंगलों की आग से उत्तराखंड बनने के बाद से अब तक करीब 37 हजार 791 हेक्टेयर जंगल जल कर खाक हो चुके हैं, वन विभाग ने अब तक करीब 15 लोगों को आग लगने के मामले में गिरफ्तार भी करा है।
अगर आकड़ो की बात करें तो
वर्ष 2000 में 925 हैक्टेयर - 2.99 लाख रुपये का नुकसान।
वर्ष 2001 में 1393 हैक्टेयर - 1.17 लाख रुपये का नुकसान ।
वर्ष 2002 में 3231 हैक्टेयर - 5.19 लाख रुपये का नुकसान ।
वर्ष 2003 में 4983 हैक्टेयर - 10.12 लाख रुपये का नुकसान ।
वर्ष 2004 में 4850 हैक्टेयर - 13.14 लाख रुपये का नुकसान ।
वर्ष 2005 में 3652 हैक्टेयर - 10.82 लाख रुपये का नुकसान ।
वर्ष 2006 में 562 हैक्टेयर - 1.62 लाख रुपये का नुकसान ।
वर्ष 2007 में 1595 हैक्टेयर - 3.67 लाख रुपये का नुकसान ।
वर्ष 2008 में 2369 हैक्टेयर - 2.68 लाख रुपये का नुकसान ।
वर्ष 2009 में 4115 हैक्टेयर - 4.75 लाख रुपये का नुकसान ।
वर्ष 2010 में 1610 हैक्टेयर - 0.05 लाख रुपये का नुकसान ।
वर्ष 2011 में 231 हैक्टेयर - 0.30 लाख रुपये का नुकसान ।
वर्ष 2012 में 2826 हैक्टेयर - 3.03 लाख रुपये का नुकसान ।
वर्ष 2013 में 384 हैक्टेयर - 4.28 लाख रुपये का नुकसान ।
वर्ष 2014 में 930 हैक्टेयर - 4.39 लाख रुपये का नुकसान ।
वर्ष 2015 में 701 हैक्टेयर - 7.94 लाख रुपये का नुकसान ।
वर्ष 2016 में 4433 हैक्टेयर - 4.65 लाख रुपये का नुकसान ।
वर्ष 2017 में 1244 हैक्टेयर - 18.34 लाख रुपये का नुकसान और
वर्ष 2018 में सर्वाधिक 4480 हैक्टेयर जिसमें कुल 86 लाख रुपये का नुकसान हुआ है।
वही RTI से मिली जानकारी के आधार पर मुख्य वन संरक्षक कार्यालय ने बताया कि जंगलो को आग से बचाने के लिए अग्नि प्रबंधन योजना, मास्टर कंट्रोल रूम, क्रू स्टेशन, वॉच टावर, वायरलेस संचार नेटवर्क, सैटेलाइट आधारित सूचना प्रणाली की व्यवस्था की गई है।