ऐतिहासिक रूप से सोने में उछाल,सुनारो के चेहरे से भी रौनक गायब।

भारत मे सोने के दामों में कई सालों बाद ऐसी तेज़ी देखी गयी है,एक ओर त्यौहारों का मौसम आने वाले है तो दूसरों ओर सोने में होने वाली बढ़ोतरी से कारोबारी भी खासे परेशान दिखाई दे रहे है।बाजार सूत्रों की माने तो वैश्विक मंदी आने की जो आशंकाए थी ,वो अब अपने चरम पर पहुंचने वाली हैं,उधर विश्व स्तर पर अमेरिका और चीन के बीच व्यापार वार्ता को लेकर भी दो पांच होने से सोने की मांग का ग्राफ दिन पर दिन बढ़ता ही जा रहा है,सोने के दामो में होने वाली तेज़ी की एक और वजह है रुपये का कमज़ोर होना,न्यूयॉर्क और भारत के बाज़ारो में सोने के दामो विरोधाभास देखने को मिल रहा है,न्यूयॉर्क में जहाँ सोने के भाव 1,539 डॉलर प्रति औंस रहा तो दिल्ली सर्राफा बाजार में 99.9 फीसदी और 99.9 फीसदी शुद्ध सोने की कीमतो में 250-250 रुपये बढे, जो बाजार मूल्य 40,220 और 40,050 प्रति दस ग्राम पहुंच गया।आपको 8 ग्राम सोने की गिन्नी के लिए अपनी जेब से अब 30,200 रुपये निकलने होंगे तब कहीं जाकर 8 ग्राम की सोने की गिन्नी आपकी होगी। सोना उछाल मारने पर सुनार अक्सर बहुत खुश दिखाई देते थे, पर इस बार बाजार में इसका उल्टा ही देखने को मिल रहा है,जो सुनार रोज़ 1 किलो तक सोना बेच देते थे, वो आज बिक्री की जगह ग्राहकों से सोना वापस ले रहे हैं,नैनीताल के सुनारों से हुई बातचीत में उन्होंने बताया कि पहले ई किलो अगर रोज़ बेचते थे तो इस दौरान 200 से 300 ग्राम तक पुराना सोना वापस आ जाता था ,लेकिन अब नया सोना बेचना ही मुश्किल हो रहा है,इसीलिए सुनारों को ग्राहकों का सोना खरीदना पड़ रहा है,इसकी वजह से सुनारों को भी आर्थिक तंगी से जूझना पड़ रहा है। धनतेरस और दीवाली जैसे त्योहार आने वाले है, ऐसे में सर्राफा बाज़ारो में ग्राहकों की भीड़ जमा हो जाया करती है, लेकिन इस बार सोने में ऐतिहासिक उछाल आने से बाज़ारो की चमक कुछ फीकी होने की आशंका है।हालांकि अभी ये भी कयास लगाए जा रहे है कि दिसंबर माह तक सोने में गिरावट दर्ज होने की स्तिथि भी बन सकती है।