उपेक्षित समाज भी अब होगा शिक्षित ,देश की पहली किन्नर यूनिवर्सिटी में आगामी वर्ष होगी कक्षा एक से पीएचडी तक पढ़ाई।

हमारा समाज स्त्री-पुरुष पर आधारित है, स्त्री और पुरुष से हम अपना पहला समाज निर्मित करते हैं, लेकिन इसके बाद भी कोई व्यक्ति और समाज है तो वह है किन्नरों का समाज जिसे तीसरे समाज के नाम से भी जाना जाता है। यह किन्नर जीवन न तो स्त्री में आता है न पुरुष में, लेकिन इसका जीवन तो है, वह इंसान तो हैं,हमेशा से उपेक्षित इस समाज के लिए शिक्षा भी जैसे उपेक्षित ही रही हो,लेकिन अब इस तीसरे समाज को हमारे समाज की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए भारतीय किन्नर शिक्षा सेवा ट्रस्ट ने सराहनीय पहल की है।महात्मा बुद्ध की परिनिर्वाण स्थली कुशीनगर में देश के पहले किन्नर विश्वविद्यालय की नींव रखी गई है, यहां पूरे देश-दुनिया से कहीं के भी किन्नर विद्यार्थियों को प्राथमिक से लेकर उच्च शिक्षा मुफ्त मिलेगी। 200 करोड़ की लागत से 50 एकड़ में बनने वाले इस विश्वविद्यालय में किन्नर समाज बढ़-चढ़कर भाग ले रहे हैं।


इस कॉलेज में पहली कक्षा से लेकर पीएचडी तक कि शिक्षा मुहैया करवाई जाएगी।देवरिया के सांसद डॉ रमापति राम त्रिपाठी ने शिलान्यास करते हुए कहा था कि किन्नर समाज को शिक्षित करना अपने आप मे एक पुनीत काम है,किन्नर यहाँ से शिक्षा लेकर समाज को नई दिशा दे सकेंगे और समाज की मुख्यधारा से जुड़ सकेंगे।

भारतीय किन्नर शिक्षा सेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष डॉ कृष्ण मोहन मिश्र के मुताबिक किन्नरों को समाज मे गलत दृष्टि से देखा जाता है, ये लोग नाच गा कर अपना गुजारा करते हैं,ऐसे में इस विश्वविद्यालय की स्थापना किन्नरों के विकास के लिए मील का पत्थर साबित होगी।ये देश का इकलौता संस्थान होगा जहाँ तीसरे समाज को कक्षा एक से लेकर पीएचडी तक की शिक्षा दी जाएगी ,इस संस्थान में आगामी जनवरी या फरवरी से कक्षाएं शुरू कर दी जाएंगी।