उत्तराखण्ड हाईकोर्ट ने वन कर्मचारियों के जरुरी उपकरण के मामले में राज्य सरकार व केन्द्र सरकार से जवाब पेश करने को कहा

उत्तराखंड हाईकोर्ट ने वन विभाग में वनों को बचाने के लिए कर्मचारियों के पास जरूरतमन्द उपकरण उपलब्ध नहीं होने के खिलाफ दायर जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायधीश रमेश रंगनाथन व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खण्डपीठ ने सरकार व केंद्र सरकार से चार सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है।मामले के अनुसार हाईकोर्ट के अधिवक्ता संदीप तिवारी ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि वन विभाग में वनों को बचाने के लिए कर्मचारियों के पास जरूरतमन्द चींजे नहीं हैं,जैसे आग बुझाने के उपकरण,कर्मचारियों के फायर वर्दी, बन्दूकें, सेटेलाइट मोबाईल आदि का अभाव है, जिससे वनों में हर वर्ष आग बढ़ती जा रही है, वन सम्पदा को नुकसान हो रहा है।कर्मचारियों के पास नई तकनीक के संचार सुविधाएँ उपलब्ध नही है।जंगली जानवरों का अवैध रूप से शिकार किया जा रहा है।अवैध रूप से वन व खनिज सम्पदा का दोहन किया जा रहा है। याचिकर्ता का कहना है की वनों व वन सम्पदा को बचाने के लिए वन कर्मचारियों को जरूरतमन्द चींजे उपलब्ध कराई जाय।