उत्तराखण्ड हाईकोर्ट ने रामनगर के फलपट्टी क्षेत्र के लेंड यूज बदलने पर रोक।

उत्तराखण्ड हाईकोर्ट ने रामनगर के फलपट्टी क्षेत्र में आवासीय कालोनियां के निर्माण, स्टोन क्रेशर लगाने और फल पट्टी क्षेत्र का लेंड यूज बदलने पर रोक लगा दी है,साथ ही कोर्ट ने राज्य सरकार को 1995 के फल पट्टी सरंक्षण अधिनियम का पालन करने के आदेश दिए है।कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिए हैं कि फल पट्टी क्षेत्र में केवल व्यक्तिगत घर का निर्माण किया जा सकेगा,और याचिका के निस्तारण तक फल पट्टी क्षेत्र में आवासीय कॉलोनी या कृषि योग्य घोषित करने का कोई भी कार्य नहीं किया जाएगा।

आपको बता दें कि रामनगर निवासी अपूर्व जोशी ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि रामनगर में लीची और आम के उत्पादन क्षेत्र के 26 गांव व उसके 3 किलोमीटर के क्षेत्र को सरकार ने 2002 में फलदार वृक्ष सरंक्षण अधिनियम के तहत फलपट्टी घोषित करी थी।जिसमें फलदार पेडों के क्षेत्र में आवासीय कॉलोनी व किसी भी प्रकार के उघोग लगाने पर प्रतिबंध लगाया था।जिसमें केवल राज्य सरकार को विशेष परिस्थिती में ही कोई निमार्ण की अनुमति थी,लेकिन रामनगर जिला प्रशासन द्धारा सरकार के इस आदेश के बाद भी 27एकड़ फलदार पट्टी को अकृषक घोषित कर उक्त क्षेत्र को रेता बजरी का भंडारण ग्रह बना दिया गया है।साथ ही बडे पैमाने में फलदार पेडों को काट दिया गया है,और इस क्षेत्र में आवासीय कालोनियों को बनाने की अनुमति भी दे दी है इसको रोकने के लिए उनके द्वारा जनहित याचिका दायर की गयी है।