उत्तराखण्ड हाईकोर्ट ने जिलाधिकारी देहरादून को ग्रामसभा रायवाला में हुई वित्तीय अनियमितता के जांच के दिए आदेश

उत्तराखंड हाईकोर्ट ने देहरादून के ग्राम रायवाला में ग्राम प्रधान व उसके पति द्वारा ग्राम सभा के खाते में की गयी गड़बड़ी के मामले में सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन व न्यायमूर्ति आलोक कुमार की खंडपीठ ने जिला अधिकारी देहरादून को निर्देश दिए हैं कि, ग्राम प्रधान व उसके पति द्वारा ग्राम सभा के खाते से अपने नाम पर चैक कैसे काटे इसकी जाँच कर 4 सितम्बर तक रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने को कहा है। मामले के अनुसार नंदकिशोर कंडवाल निवासी रायवाला देहरादून ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि ग्राम सभा द्वारा ग्राम सभा की भूमि पर कुछ दुकानों का निर्माण कर उनको आवंटित कर किराए पर दे दिया था, परन्तु एनएच 58 के चौड़ीकरण होने पर इन दुकानों को ध्वस्त कर दिया और दुकानदारों को उसका मुआवजा दिया गया। ग्राम सभा द्वारा शेष बची भूमि पर 25 दुकानों का फिर से निर्माण करने का प्रस्ताव पास किया गया जिसमे मुख्य विकास अधिकारी देहरादून ने शर्त यह रखी थी कि उक्त 25 दुकानों के आवंटन के लिए लाटरी पद्धति अपनाई जायेगी और प्रत्येक से दो लाख रुपया जमा करके दुकानों का निर्माण किया जायेगा। परन्तु ग्राम प्रधान व उसके पति ने इस शर्त का उल्लंघन करके पुराने दूकानदारों से दो-दो लाख रूपये लेकर ग्राम सभा के एकाउंट में जमा करने को कहा। ग्राम प्रधान व उसके पति ने उक्त धनराशि का अपने नाम पर चैक काटकर घपला किया।याचिकर्ता का कहना है कि ग्राम सभा के पैंसों का इन्होंने दुरपयोग किया और शिकायत करने पर उसके साथ अभद्रता की लिहाजा इसकी जाँच कराई जाय।