उत्तराखंड हाईकोर्ट ने भिकियासैंण मर्चूला मोटर मार्ग के निर्माण में मलुआ रामगंगा नदी में डाले जाने पर पीडब्लूडी से मांगा जवाब।

उत्तराखंड हाईकोर्ट ने भिकियासैंण मर्चूला मोटर मार्ग के निर्माण में ठेकेदार द्वारा सड़क का मलुआ रामगंगा नदी में डाले जाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए पीडब्ल्यूडी और वन विभाग से पूछा है,कि सोमवार को कोर्ट को बताएं की रामगंगा नदी से मलुआ कब तक उठाएंगे।मामले की सुनवाई मुख्य न्यायधीश रमेश रंगनाथन व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खण्डपीठ में हुई।
आपको बता दें कि हल्द्वानी निवासी गुरविंदर चढ्ढा ने जनहित याचिका दायर कर कहा है पीडब्ल्यूडी द्वारा भिकियासैण मर्चूला सड़क मोटर मार्ग बनाई जा रही है।जिसका मलुआ ठेकेदार द्वारा चयनित डम्पिंग जोन में मलुआ न डालकर रामगंगा नदी में डाल दिया है,जिससे रामगंगा नदी का मार्ग अवरुद्ध हो गया है,और साथ ही ये नदी रामनगर के काॅर्बेट पार्क के बीच से गुजरती है और पार्क के जानवर इसी नदी का पानी पीते है।वहीं इस नदी में मगरमच्छ और घडियाल प्रजाति के जानवर भी रहते हैं और पानी का प्रवाह रूकने से जानवरों पर खतरा मड़रा रहा है।