उत्तराखंड हाईकोर्ट का हरिद्वार विकास प्राधिकरण को नोटिस

उत्तराखंड हाई कोर्ट ने हरिद्वार में गंगा माता कुष्ठ आश्रम के कुष्ठ रोगियो के पक्के आवासों को 17 नवम्बर 2017 को राष्ट्रपति के दौरे में तोड़े जाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने हरिद्वार विकास प्राधिरकण से 13 अगस्त तक जवाब पेश करने को कहा है, साथ ही कोर्ट ने हरिद्वार विकास प्राधिकरण से यह भी पूछा है कि चण्डीघाट में स्थित एसएनजे ट्रस्ट की भूमि का क्या हुआ जो कुष्ठ रोगियो के लिए ली थी। मामले की सुनवाई मुख्य न्यायधीश रमेश रंगनाथन व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खण्डपीठ में हुई ।अगली सुनवाई 13 अगस्त की तिथि नियत की है। आपको बता दें कि हरिद्वार की एक्ट नाव वेलफेयर सोसायटी ने हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि 17 नवम्बर 2017 को राष्ट्रपति के हरिद्वार आगमन पर गंगा माता कुष्ठ रोगियों के पक्के आवासों को प्रशासन ने तोड़ दिया था, ताकि राष्ट्रपति उनको न देख सके। उनके लिए ये पक्के आवास इंग्लैंड की एसएनजे  ट्रस्ट द्वारा 20 लाख रूपये खर्च करके बनाये गए थे। इसके बाद ये कुष्ठ रोगी जाड़ा,बरसात और गर्मी में सड़क के किनारे झोपड़ी बनाकर रह रहे हैं, और सरकार ने अभी तक इनके रहने की व्यवस्था नहीं की है। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि कुष्ठ रोगी समाज के निचले स्तर से ताल्लुक रखते हैं उनकी इस समस्या के मामले में कोर्ट प्राथमिकता के साथ सुनवाई करेगी।