उत्तराखंड में एक और बड़ा घोटाला ,घोटाले की जांच रिपोर्ट में बीजेपी चेयरमैन दोषी ।

एक बार फिर सूबे के ऊधमसिंह नगर जिले की स्थानीय नगर पंचायत शक्तिगढ़ व शक्तिफार्म के नाम से महशूर क्षेत्र में 10.84 करोड़ के राजीव गांधी आवास घोटाले का मामला सामने आया है। जिला शासकीय अधिवक्ता (डीजीसी) ने भी डीएम को भेजी अपनी रिपोर्ट में भाजपा नेता और नगर पंचायत चेयरमैन सुक्रांत ब्रह्म सहित साठगांठ करने वाले अन्य लोगों को दोषी बताया है।


करोड़ों रुपये के आवास घोटाले में डीएम डॉ. नीरज खैरवाल ने अपनी जांच में चेयरमैन और दो ईओ समेत सभी 17 लोगों को दोषी माना था। हालांकि, दोषियों पर क़ानूनी  कार्रवाई के लिए डीएम ने जिला शासकीय अधिवक्ता को पत्र लिखकर राय मांगी थी। जांच रिपोर्ट के अनुसार तत्कालीन नगर पंचायत अध्यक्ष सुकांत ब्रह्म की ओर से प्रस्तावित लाभार्थियों की सूची को बदल दिया। इसमें कुछ अपात्रों के नाम शामिल किए गए और बोर्ड में उसको पारित भी नहीं किया गया। इस कारण तत्कालीन चेयरमैन पहली नजर में दोषी हैं। डीजीसी ने अपनी रिपोर्ट में यह भी कहा कि जिन अपात्र लाभार्थियों ने साठगांठ कर योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन किया, उन पर भी आपराधिक मामला बनता है। इसके अलावा, यह भी कहा गया कि यह भी पहली नजर में साबित हुआ है, कि घोटाले में लिप्त कर्मचारियों ने अपनी ड्यूटी का निर्वहन सही तरीके से नहीं किया। लिहाजा, उनके खिलाफ भी विभागीय कार्रवाई की जानी चाहिए।


वर्ष 2015-16 में नगर पंचायत शक्तिगढ़ में राजीव गांधी आवास योजना के तहत 504 आवास स्वीकृत हुए थे। इनमें मौके पर सिर्फ 298 आवासों का कार्य ही शुरू किया गया था। पहली किस्त के रूप में लाभार्थियों के लिए स्टेट बैंक के खाते में 11 करोड़ रुपये जारी हुए थे। मामले की गड़बड़ी को लेकर शक्तिफार्म निवासी प्रेम कुमार अरोरा और रमेश राय ने उत्तराखंड हाईकोर्ट में पीआईएल दाखिल की थी। दोनों याचियों ने अपनी पीआईएल में आरोप लगाया था कि राजीव आवास योजना का लाभ पात्र व्यक्तियों को नहीं दिया गया है और सरकारी धन का दुरुपयोग किया गया था। याचिकाकर्ता प्रेम कुमार के मुताबिक योजना के तहत अपात्र लोगों का चयन किया गया। वहीं योजना के तहत मिलने वाली धनराशि लाभार्थियों के बैंक खाते में आनी थी लेकिन ठेकेदारों ने बैंक ऑफ बड़ौदा के तत्कालीन प्रबंधक के साथ साठगांठ कर अपने खाते में अवमुक्त करा लिए थे।

डीएम डॉ. नीरज खैरवाल की जांच में करोड़ों रुपये के राजीव आवास घोटाले में भाजपा नेता और नगर पंचायत चेयरमैन सुक्रांत ब्रह्म, तत्कालीन अधिशासी अधिकारी जयवीर सिंह राठी, वर्तमान अधिशासी अधिकारी सरिता राणा, वर्तमान लिपिक सुरेश सिंह बाबू, तत्कालीन अवर अभियंता रावेंद्र पाल सिंह, वार्ड 1 सभासद शगुन गुप्ता, वार्ड 2 सभासद उप्रेंद्र सिंह, वार्ड 3 सभासद मीना सरकार, वार्ड 4 सभासद काला चांद दास, संजीव गुप्ता, ठेकेदार कैलाश चंद्र माहेश्वरी, ठेकेदार रमेश मिश्रा, ठेकेदार जसविंदर सिंह, ठेकेदार सुनील अरोरा, ठेकेदार हरविलास, ठेकेदार अशोक कुमार, बैंक ऑफ बड़ौदा के तत्कालीन मैनेजर सिद्धार्थ कुमार दोषी पाए गए थे।