ईवीएम छेड़छाड़ मामले पर सुनवाई करते हुए उत्तराखण्ड हाईकोर्ट ने निर्णय रखा सुरक्षित

उत्तराखण्ड में 2017 में हुए विधानसभा चुनावों में भाजपा ने जहां भारी बहुमत के साथ जीत दर्ज की तो वहीं कांग्रेस मात्र 11 सीटों पर सिमट कर रह गई थी। चुनाव परिणाम आने के बाद कांग्रेस ने भाजपा प्रत्याशियों पर ईवीएम में गड़बड़ी के आरोप लगाए थे, और कांग्रेस के कुछ हारे हुए प्रत्याशियों ने उत्तराखण्ड हाईकोर्ट में चुनाव याचिका दायर कर कोर्ट की शरण ली थी। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने आज मामले में सुनवाई करते हुए अपना निर्णय सुनवाई के बाद सुरक्षित रख लिया है। मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति लोकपाल सिंह की एकलपीठ में हुई। मामले के अनुसार कांग्रेस के हारे हुए प्रत्याशी नवप्रभात, विक्रम सिंह, राजकुमार, अम्बरीष कुमार, प्रभुलाल बहुगुणा व गोदावरी थापली ने बीजेपी के जीते हुए प्रत्याशी मुन्ना सिंह चुहान, खजान दास, आदेश चौहान, उमेश शर्मा काऊ और गणेश जोशी के निवार्चन को चुनाव याचिका दायर कर चुनौती दी थी, जिसमें उनके द्वारा चुनाव आयोग व केन्द्र सरकार पर आरोप लगाया गया था कि इन प्रत्याशियों ने जीतने के लिए ईवीएम मशीनों में गड़बड़ी की, लिहाजा इनके निवार्चन को निरस्त किया जाय। आज सुनवाई के दौरान जीते हुए प्रत्याशियों की तरफ से जिरह करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता सत्यपाल जैन ने कोर्ट को अवगत कराया कि सभी चुनाव याचिकाएं आधारहीन हैं और चुनाव याचिकाओं में किस पोलिंग बूथ पर ईवीएम में गड़बड़ी हुए है, इसका स्पष्ट उदाहरण नहीं दिया है।