आईएफएस संजीव चतुर्वेदी ने फिर दिखाई दिलेरी

अपने कार्यों से चर्चा में रहने वाले भारतीय वन सेवा अधिकारी संजीव चतुर्वेदी ने एनुअल कैरेक्टर रिपोर्ट मामले में कोर्ट से जीत के बाद केन्द्र से मिला 25 हजार जुर्माना प्रधानमंत्री राहत कोष में जमा करा दिया है।भारतीय वन सेवा अधिकारी संजीव चतुर्वेदी ने उत्तराखंड हाईकोर्ट में 2014-16 के बीच अपनी खराब मूल्यांकन रिपोर्ट खारिज करने की मांग की थी इस दौरान वे एम्स में सीवीओ में सेवारत थे।उत्तराखंड हाईकोर्ट ने मामले को उनके खिलाफ प्रतिशोध का रवैया माना।जिसे केन्द्र ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी,लेकिन कोर्ट ने एम्स व केन्द्र की अपील खारिज करते हुए आईएफएस के पक्ष में फैसला सुनाकर केन्द्र व एम्स पर 25 हजार जुर्माना ठोका था।

भारतीय वन सेवा अधिकारी संजीव चतुर्वेदी ने केन्द्र से मिले यह रूपये प्रधानमंत्री राहत कोष में जमा कर दिए हैं, प्रधानमंत्री कार्यालय ने मामले में 6 सितंबर को संजीव चतुर्वेदी को पत्र लिखकर राशि कोष में जमा करने के लिए शुक्रिया अदा किया।मामले में आईएफएस अधिकारी ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर उनके खिलाफ प्रतिशोधात्मक कार्रवाई करने वाले अफसरों पर कार्रवाई कर मुआवजा राशि और वकीलों की फीस वसूलने की गुजारिश की है।आईएफएस संजीव चतुर्वेदी ने राष्ट्रीय कार्बेट पार्क के निदेशक पद पर रहते हुए कार्बेट पार्क में वीआईपी कल्चर खत्म करने के आदेश पारित किए थे,वर्तमान में वह वन संरक्षक वन अनुसंधान केंद्र हल्द्वानी में कार्यरत हैं।पूरे मामले पर आईएफएस चतुर्वेदी का कहना है कि जनता के पैंसे का दुरुपयोग ईमानदारी से काम करने वाले अफसरों के खिलाफ मुकदमेबाजी में नहीं किया जाना चाहिए, केन्द्र सरकार को अपना काम पूरी ईमानदारी से करने वाले अधिकारियों को हर तरह का संरक्षण देना चाहिए।