अब गैर हुआ गैरसैंण

उत्तराखंड में भाजपा चुनाव के दौरान गैरसैण को अपने मुख्य एजेंडे में बताती रही है.लेकिन सरकार आने के बाद गैरसैंण उनकी प्राथमिकताओं में नही रहता.ऐसे ही कुछ आरोप राज्य निर्माण आंदोलनकारी इन दिनों राज्य स्थापना सप्ताह कार्यक्रमों को देखकर लगा रहे हैं.दरअसल उत्तराखंड सरकार 9 नवंबर को होने वाले स्थापना दिवस से पहले ही राज्य स्थापना सप्ताह मना कर तमाम कार्यक्रम आयोजित कर रही है खास बात यह है कि तमाम जिलों में होने वाले इन कार्यक्रमों में गैरसैंण को जगह नही दी गयी है.जबकि राज्य आंदोलनकारी मानते हैं कि यदि सरकार को आंदोलन को लेकर थोड़ी भी संवेदनाएं होती तो राज्य स्थापना सप्ताह का पहला कार्यक्रम गैरसैण में ही आयोजित किया जाता।राज्य आंदोलनकारी त्रिवेंद्र सरकार से गैरसैंण में कार्यक्रम नही होने और कार्यक्रमों में आंदोलनकारियों को निमंत्रण नही मिलने से खफा है.उधर कांग्रेस भी सरकार के इस जश्न को पैसों की फिजूलखर्ची मान रही है.कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष जोत सिंह बिष्ट की बारे तो प्रदेश में तमाम घटनाएं हो रही है और सरकार जश्न में डूबी है।। कांग्रेस का मानना है कि सरकार ऐसा मूल मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए कर रही है।राज्य आंदोलनकारियों और विपक्षी दल कांग्रेस के सीधे हमलों के जवाब में खुद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत सामने आकर इसका जवाब दे रहे हैं। सीएम त्रिवेंद्र सिंह बताते हैं कि सरकार का प्रयास सभी जिलों में स्थापना सप्ताह के कार्यक्रमों को करना था. लेकिन बाहर से आने वाले लोग कई जिलों में जाने को दिक्कतें महसूस कर रही है।हालांकि उनका यह बयान भी तर्क से परे नजर आ रहा है क्योंकि गैरसैंण में कार्यक्रम आयोजित करने के लिए किसी सेलिब्रिटी की जरूरत नही।