अटल आयुष्मान योजना के साथ घोटाले और गड़बड़ी

केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी अटल आयुष्मान योजना में हो रही गड़बड़ी और घोटाले को लेकर जहा केंद्र से मॉनिटरिंग करने में हुई धांधली पकड़ने के बाद शासन स्तर पर कई निजी अस्पताल को इस योजना से सस्पेंड करते हुए अस्पताल मालिकान के खिलाफ विभाग द्वारा पुलिस में शिकायत देकर मुकदमा तक दर्ज़ कराया गया है. जिसके बाद एक काशीपुर के युवक ने उत्तराखंड हाईकोर्ट में एक याचिका भी दायर की गई है.



ऊधम सिंह नगर जनपद के काशीपुर निवासी मुनिदेव विश्नोई ने हाईकोर्ट में एक याचिका दायर कर आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार की अटल आयुष्मान योजना में फर्जीबाड़ा और धांधली करते हुए एक ही मरीज के रिश्तेदारों और परिचितों को निजी अस्पतालों में भर्ती कर एक जैसी बीमारियों के इलाज़ कराने और ऑपरेशन करने की रेफर करने की केंद्र सरकार के अटल आयुष्मान योजना के सॉफ्टवेयर ने पकड़कर शासन को अवगत कराया था, जिसके बाद शासन ने इस पुरे मामले का संज्ञान लेते हुए जिला ऊधमसिंह नगर जनपद के स्वास्थ्य विभाग को सुचना दी जिसके बाद शासन स्तर पर एक जाँच कमिटी बनाई गई जिसमे ऊधमसिंह नगर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी को भी जाँच कमेटी में शामिल करते हुए जाँच में काशीपुर क्षेत्र के प्राइवेट अस्पताल अली नर्सिंग होम , एम पी मेमोरियल अस्पताल,  सहोटा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल समेत आधा दर्जन अस्पतालों को अटल आयुष्मान योजना से हटाते हुए उक्त अस्पताल के मालिकों पर मुकदमा दर्ज़ कर कार्यवाही शुरू कर दी है। 



आरोपों में मुख्य आरोप यह है कि इस योजना के लाभ के लिये सरकारी अस्पतालों ने इम्पैनल अस्पतालों में ऐसे लोगों को रैफर किया जा रहा है, जिनकी न बीमारी का पता है और न रैफर करने वाले का। याचिका में जिले के केलाखेड़ा अस्पताल का उदहारण देते हुए कहा है कि इस अस्पताल से 47 लोगों को इम्पैनल अस्पतालों के लिये रेफर किया गया, जबकि इनकी बीमारी की कोई पुख्ता जानकारी और न अस्पताल का कोई डाक्टर है। जनहित याचिका में आयुष्मान अथॉरिटी और प्राइवेट अस्पतालों की मिलीभगत से हो रहे घोटाले का आरोप लगाते हुए एसआईटी या किसी उच्चस्तरीय जांच कमिटी से जांच कर दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही की मांग की है। अटल आयुष्मान योजना के घोटाले के मामले में पूर्व में भी काशीपुर के आस्था अस्पताल के चिकित्सक डा० राजीव कुमार गुप्ता और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र केलाखेड़ा के फार्मासिस्ट अनुराग रावत के खिलाफ पीएचक्यू के आदेश के बाद गलत दस्तावेज प्रस्तुत कर धोखाधड़ी करने के आरोप में धारा-420,467,468,491 आईपीसी के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। अस्पताल पर गलत तथ्य बताकर अनुबंध करने और गलत तरीके से योजना का भुगतान पाने का आरोप लगा है।

केंद्र सरकार देश भर में पांच लाख रूपये तक की निःशुल्क स्वास्थ्य सेवाओं के लिये अटल आयुष्मान योजना लागू की थी। उत्तराखंड में इसे हर व्यक्ति से जोड़ते हुए राज्य के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इसका खूब प्रचार प्रसार किया। लेकिन धरातल में यह योजना घोटालेबाज़ों के चंगुल में फंसती नज़र आ रही है। वास्तविक रोगी को इसका लाभ मिलना मुश्किल हो गया है। इलाज के नाम पर अस्पतालों की मिलीभगत से इस योजना में जमकर फर्जीवाड़ा किया जा रहा है। योजना का लाभ न मिलने से काशीपुर सहित पूरे राज्य में ऐसी शिकायतों की भरमार है। कुछ पीड़ित तो सरकारी अस्पताल और प्राइवेट अस्पताल के बीच सही तालमेल न होने का आरोप लगाते है।