जिम्मेदार कौनः राहुल गांधी को गुल्लक देने वाले बच्चों के माता-पिता ने की खुदकुशी! सुसाइड नोट में लिखा- ईडी अफसर बोले, ‘बीजेपी में होते तो केस न होता’

Who is responsible: Parents of children who gave piggy bank to Rahul Gandhi committed suicide! Written in suicide note - ED officer said, 'Had he been in BJP, case would not have happened'

नई दिल्ली। मध्य प्रदेश के सीहोर में कारोबारी 39 वर्षीय मनोज परमान और उनकी पत्नी 35 वर्षीय नेहा परमार ने आत्महत्या कर ली। शुक्रवार को घर में ही दोनों के शव फांसी के फंदे से लटके मिले। इस दौरान उनके पास से एक सुसाइड नोट बरामद हुआ, जिसमें हैरान करने वाली बातों का खुलासा किया गया है। हांलाकि पुलिस ने इस सुसाइड नोट को जब्त कर लिया है, लेकिन बताया जा रहा है कि दंपत्ति ने सुसाइड नोट में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। बता दें कि यह वही परमार परिवार है जिन्होंने भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी को गुल्लक भेंट किया था। इससे पहले विगत 5 दिसंबर को कारोबारी परमार के घर और दफ्तर पर ईडी ने छापामार कार्रवाई की थी। उधर सुसाइड नोट सामने आने के बाद सियासत भी गरमा गयी है। इस मामले में कांग्रेस ने भाजपा और ईडी के अधिकारियों को घेरा है। इधर दंपत्ति के आत्मघाती कदम उठाने और सुसाइड नोट मिलने के बाद ईडी के अफसरों की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में है। 

छह पन्नों के सुसाइड नोट में ईडी अफसर ने कहा था कि बच्चों को भाजपा में ज्वॉइन करा, नहीं तो इतनी धाराएं जोड़ेंगे की राहुल भी बचा नहीं पाएगा। खुदकुशी करने से पहले व्यापारी ने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, चीफ जस्टिस, संसद में नेता प्रतिपक्ष सहित 17 लोगों के नाम छह पेज का सुसाइड नोट छोड़ गया है। इसमें सात बिंदुओं में उसने पूरा घटनाक्रम लिखा है, जिसकी वजह से उसे खुदकुशी करने पर मजबूर होना पड़ा। सुसाइड नोट में जांच एजेंसी के अधिकारी द्वारा दबाव बनाकर भाजपा में शामिल होने की बात लिखी गई है। पुलिस के मुताबिक सुसाइड नोट में इस तरह से आरोप लगाये गए हैं।

1- 5 दिसंबर को ईडी ने सुबह 5 बजे रेड मारी। मेरे घर पर कागज का एक टुकड़ा नहीं छोड़ा। दूसरे के 10 लाख रुपये, ज्वेलरी और ओरिजनल दस्तावेज लेकर गए।
2- ईडी के असिस्टेंट डायरेक्टर संजीत कुमार साहू ने गाली-गलौज की और मारपीट की। भगवान शिव की मूर्ति को खंडित किया। कहा, भाजपा में होते तो तुम पर केस नहीं होता।
3- ईडी के असिस्टेंट डायरेक्टर संजीत कुमार साहू ने मेरे कंधे पर पैर रखा। कहा, अपने बच्चों को भाजपा जॉइन करवा दे। राहुल गांधी के खिलाफ वीडियो बनवा दे।
4- बिना बयान लिए, खुद से बयान लिख लिए। मेरे हस्ताक्षर भी करवा लिए। घर से मोबाइल फोन और पेपर ले गए।
5- अफसर बार-बार बोलते रहे। इतनी धाराएं जोडूंगा कि राहुल गांधी प्रधानमंत्री बनने के बाद भी नहीं हटा पाएगा। इसलिए मामला सेटल करो और फ्री हो जाओ।
6- मैंने परिवार के बारे में कहा कि सब लोग बेकसूर हैं। लेकिन उन्होंने एक नहीं सुनी।
7- राहुल गांधी जी से निवेदन है कि मेरे जाने के बाद बच्चों का ख्याल रखना। बच्चों को अकेला मत छोड़ना।

पांच दिसंबर को ईडी ने मारा था छापा
बता दें कि 5 दिसंबर को ईडी की टीम ने परमार के इंदौर और सीहोर स्थित चार ठिकानों पर छापा मारा था। यहां से कई चल-अचल और बेनामी संपत्तियों के दस्तावेज जब्त किए थे। साथ ही साढ़े तीन लाख रुपये का बैंक बैलेंस भी फ्रीज कर दिया था। हालांकि, अभी तक यह खुलासा नहीं किया गया है कि कौन-कौन सी चल-अचल संपत्तियों के दस्तावेज जब्त किए गए हैं और उनकी कीमत क्या है? ईडी के भोपाल जोनल कार्यालय के अनुसार, कार्रवाई प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट 2002 (पीएमएलए) के तहत की गई थी। यह मामला पंजाब नेशनल बैंक में 6 करोड़ के फॉड से जुड़ा है, जिसमें परमार की गिरफ्तारी भी की गई थी।