64 करोड़ के यूनिफॉर्म घोटाले की जांच करने पहुंची विजिलेंस! तीन कर्मचारियों से की पूछताछ

विजिलेंस (सर्तकता अधिष्ठान) आगरा की एक टीम 18 जुलाई को हाथरस के बीएसए कार्यालय पहुंची और साल 2020-2021 के यूनिफॉर्म वितरण से संबंधित दस्तावेज तलब किए। उस समय कार्यालय में तैनात रहे तीन कर्मचारियों से भी पूछताछ की।
दरअसल, उस समय हाथरस में तैनात रहे बेसिक शिक्षा अधिकारी मनोज मिश्रा पर यूनिफॉर्म वितरण में धांधली सहित अनियमितताओं के कई आरोप लगे थे और इसकी शिकायत शासन व सतर्कता अधिष्ठान से की गई थी, तभी से इसकी जांच चल रही है। टीम ने यहां तीन कर्मचारियों से पूछताछ की और अभिलेखों को देखा। इसके बाद टीम ने यूनिफॉर्म वितरण, उनकी आपूर्ति करने वाली फर्म की जानकारी, कुटेशन और गुणवत्ता प्रमाणपत्र की प्रमाणित प्रति आख्या सहित उपलब्ध कराने के लिए कहा। बेसिक शिक्षा अधिकारी ने सभी खंड शिक्षा अधिकारियों यह ब्योरा मांगा है। पूर्व में विजिलेंस टीम कई कर्मचारियों के बयान दर्ज कर चुकी है। इस मामले को लेकर बीएसए दफ्तर में चर्चाएं रहीं। कर्मचारी जांच के संबंध में तरह-तरह के अनुमान लगाते नजर आए। शिक्षा सत्र 2020-21 में शासन से बेसिक विभाग के विद्यार्थियों को यूनिफाॅर्म उपलब्ध कराने के लिए 644289250 रुपये की धनराशि प्राप्त हुई थी। उस समय विद्यालय प्रबंध समिति के बैंक खातों में धनराशि हस्तांतरित की जाती थी। नियमानुसार विद्यालय प्रबंध समिति चार लोगों की क्रय समिति का गठन करती थी। यह समिति यूनिफाॅर्म के लिए कपड़ा खरीदती थी और यूनिफाॅर्म सिलवाकर विद्यार्थियों को उपलब्ध कराती थी। तत्कालीन बीएसए पर आरोप है कि उन्होंने निजी फायदे के लिए नियमों के दरकिनार कर अलीगढ़ की फर्म के साथ मिलकर पूरा खेल किया था। इसमें सहपऊ के एक शिक्षक ने अहम भूमिका निभाई थी। विद्यालय प्रबंध समिति ने चेक बीआरसी पर जमा कराए थे। बताया जा रहा है कि फर्म ने बिल तक उपलब्ध नहीं कराए हैं। सूत्र यह भी बता रहे हैं कि मामले को तूल पकड़ता देख बीएसए कार्यालय के कर्मचारी आनन-फानन अब बिलों की व्यवस्था करने में जुटे हैं।