उत्तराखंड हाईकोर्ट ब्रेकिंग: केदारनाथ धाम में घोड़े खच्चरों को अनिवार्य रूप से करवाया जाएगा रात्रि विश्राम, दिया जाएगा गर्म पानी!
केदारनाथ व यमुनोत्री यात्रा मार्ग पर चलने वाले घोड़े-खच्चर अब गरम पानी पीएंगे और रात में आराम करेंगे। उनकी साफ-सफाई में भी गरम पानी का ही इस्तेमाल होगा। उनकी सेहत का भी ध्यान रखा जाएगा। राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में इस पर सहमति जताई है। चारधाम यात्रा मार्ग में व्याप्त अव्यवस्थाओं व खच्चरों की मौत के मामले में दायर जनहित याचिकाओं पर गुरुवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति विपिन सांघी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने सुनवाई की।
अदालत ने याचिकाओं में उठाई गई समस्याओं के निस्तारण के लिए सरकार व याचिकाकर्ताओं से सहमति पत्र पेश करने को कहा है। सुनवाई के दौरान सचिव पशुपालन, रुद्रप्रयाग डीएम सहित कई अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेश हुए और कोर्ट को जानकारी दी कि विभिन्न बिंदुओं पर सहमति बन गई है। हालांकि यात्रा मार्ग पर क्षमता और यात्रियों की संख्या तय करने सहित कुछ अन्य बिंदुओं पर सहमति नहीं बन पाई है। इस मामले में समाजसेवी गौरी मौलेखी और अजय गौतम ने केदारनाथ यात्रा में 600 से ज्यादा खच्चरों की मौत समेत यात्रा मार्ग पर अव्यवस्थाओं को लेकर जनहित याचिकाएं दाखिल की हैं।
इन बिंदुओं पर सहमति बनी
1. घोड़ों व खच्चरों से रात में कार्य नहीं लिया जाएगा।
2. खच्चरों पर उनकी क्षमता के अनुसार भार लादेंगे।
3. घोड़े-खच्चर एक दिन में एक ही चक्कर लगाएंगे।
4. यात्रा से पहले उनका स्वास्थ्य परीक्षण होगा।
5. गर्म पानी के साथ रहने की व्यवस्था होगी।
6. वेटरनरी स्टाफ की व्यवस्था की जाएगी।
इन पर बाकी
1. चारधामों में खच्चरों की संख्या तय नहीं हुई
2. घोड़े-खच्चरों के बीमा पर बात नहीं बनी
3. केंद्र सरकार की एसओपी पर विवाद