उत्तराखण्डः सिंचाई विभाग की भूमि पर अवैध अतिक्रमण का मामला! हाईकोर्ट ने सभी प्रभावित लोगों की लिस्ट मांगी

Uttarakhand: Case of illegal encroachment on Irrigation Department land! High Court asked for list of all affected people

नैनीताल। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने कालागढ़ डैम के समीप वन विभाग व सिंचाई विभाग की भूमि पर अवैध रूप से रह रहे सेवानिवृत्त व अन्य करीब 4 से 5 सौ परिवारों को हटाए जाने के मामले पर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट की खण्डपीठ ने राज्य सरकार व याचिकाकर्ता संस्था से कहा है कि जिला अधिकारी के आदेश के बाद जो लोग इसकी जद में आ रहे हैं उनकी लिस्ट बनाकर 17 फरवरी तक बनाकर कोर्ट में प्रस्तुत करें। मामले की सुनवाई के लिए कोर्ट ने 17 फरवरी की तिथि नियत की है। आज हुई सुनवाई पर जिला अधिकारी आशीष चौहान कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से पेश हुए। उन्होंने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि एनजीटी व सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर उन्होंने 213 लोगों के विस्थापन के लिए सर्वे कर लिया है। बाकि लोगों को हटाने का नोटिस दिया गया है। अब नोटिस से प्रभावित लोग उच्च न्यायालय की शरण मे आए हैं। जिसपर कोर्ट ने प्रभावित लोगों की सूची कोर्ट में सरकार व समिति से प्रस्तुत करने को कहा है। बता दें कि कालागढ़ जन कल्याण उत्थान समिति ने उच्च न्यायलय में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि तत्कालीन यूपी सरकार ने 1960 में कालागढ़ डैम बनाए जाने के लिए वन विभाग की कई हजार हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण करके सिंचाई विभाग को दी थी। साथ में यह भी कहा था कि जो भूमि डैम बनाने के बाद बचेगी, उसे वन विभाग को वापस किया जाएगा। डैम बनने के बाद कई हेक्टेयर भूमि वापस की गई, लेकिन शेष बची भूमि पर सेवानिवृत्त कर्मचारियों व अन्य लोगों ने कब्जा कर दिया। जनहित याचिका के आगे यह भी कहा गया कि जिला अधिकारी का यह नोटिस पक्षपातपूर्ण है। क्योंकि राज्य सरकार 213 लोगों को विस्थापित कर रही है वे भी दशकों से उसी स्थान पर रह रहे हैं उनको नही। लिहाजा उनको भी अन्य की तरह विस्थापित किया जाय। जिसपर कोर्ट ने राज्य सरकार व याचिकाकर्ता संस्था से सभी प्रभावित लोगों की लिस्ट कोर्ट में प्रस्तुत करने को कहा है।