उत्तराखण्डः विकास के दावों की धुंधली तस्वीर! यहां बीमार महिला को तीन किलोमीटर खड़ी चढ़ाई पार कर अस्पताल लाए ग्रामीण, फिर सहारा बनी डोली
लोहाघाट। उत्तराखण्ड में आज भी कई क्षेत्र ऐसे हैं, जहां सड़क नहीं पहुंची है, जिसके चलते ग्रामीणों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। हालात उस समय ज्यादा बिगड़ जाते हैं जब कोई बीमार होता है। ऐसा ही एक मामला चंपावत के लोहाघाट विधानसभा क्षेत्र से सामने आया है, यहां गुरुवार देर रात सीमावर्ती गांव मौड़ा की रहने वाली 35 वर्षीय रेखा देवी की अचानक तबीयत बिगड़ गई। गंभीर रूप से बीमार महिला की जान बचाने के लिए रात में ही गांव के युवा डोली के सहारे तीन किलोमीटर खड़ी चढ़ाई व खतरनाक पैदल रास्तों को पार कर रेखा देवी को पोखरी सड़क तक लाए, जहां से महिला को वाहन के जरिए लगभग 30 किलोमीटर दूर चंपावत जिला चिकित्सालय पहुंचाया गया। चंपावत में भी महिला को उपचार नहीं मिल पाया, जिसके बाद उसे हल्द्वानी रेफर कर दिया गया। वहीं मोड़ा के रहने वाले पूर्व सैनिक केदार बोरा व सामाजिक कार्यकर्ता युवा रोशन कुमार ने बताया कि गांव में रोड ना होने का खामियाजा ग्रामीणों को आए दिन भुगतना पड़ता है। उन्होंने बताया कि यह कोई पहला मामला नहीं है वर्षों से कई बीमार व गर्भवती महिलाओं को ग्रामीण इसी तरह डोली के सहारे खतरनाक पैदल रास्तों से अस्पताल पहुंचाते आए हैं। उन्होंने बताया कई बार मुख्यमंत्री, क्षेत्रीय विधायक, डीएम, एसडीएम से ग्रामीण सड़क निर्माण की मांग कर चुके हैं, पर कोई सुनने को तैयार नहीं है। सड़क न होने से रोज स्कूली बच्चों व ग्रामीणों को तीन किलोमीटर खड़ी चढ़ाई पार करनी पड़ती है, पैदल रास्ते भी ठीक से नहीं बने हुए हैं। उन्होंने बताया कि बरसात में स्थिति और भी खतरनाक हो जाती है। ग्रामीणों ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर इस बार उनकी मांग पूरी नहीं की गई तो वह मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय तथा विधायक आवास में धरने में बैठ जाएंगे।