उत्तराखंड: क्या सीएम की गुडबुक्स में नाम दर्ज करवाने को अधिकारी ले रहे होटल व्यवसाइयों की बलि !

Uttarakhand: Are hoteliers taking sacrifices to get their names registered in CM's goodbooks?

अंकिता हत्याकांड के बाद सीएम धामी के निर्देशानुसार पूरे राज्य के होटल्स, रिजॉर्ट्स, गेस्ट हाऊसेस, और होम स्टे में प्रशासन द्वारा निरीक्षण कर कार्यवाही की जा रही है। इन निरीक्षणों में गेहूं के साथ घुन भी पीसा जा रहा है। दरअसल जिन रिजॉर्ट्स में अनियमितता पाई जा रही है उन्हें तो प्रशासन चालानी कार्यवाही करते हुए नोटिस थमा ही रहा है लेकिन जिन रिजॉर्ट्स में मामूली कमियां पाई जा रही है प्रशासन उन्हें भी चालानी कार्यवाही के साथ सील बंद कर नाइंसाफी कर रहा है।

ऐसा ही एक मामला चंपावत जिले के टनकपुर में सामने आया,जहा छीनिगोठ जो कि ग्राम पंचायत भी है वहा जिम कॉर्बेट और अन्य रिजॉर्ट्स कब्जे की भूमि पर बने हुए है जिससे स्थानीय लोगो को रोजगार मिलता है। इन रिजॉर्ट्स का कब्जे की भूमि पर बने होने की वजह से रजिस्ट्रेशन नही हो पाया तो स्थानीय प्रशासन को मनमानी करने का बढ़िया मौका मिल गया।  जबकि ये रिजॉर्ट्स प्रशासन की नजरों में पहले न आये हो ये मुमकिन ही नही इन रिजॉर्ट्स में रसूखदार हो या आमजन सभी छुट्टियों में आते हैं,लेकिन अंकिता हत्याकांड के बाद सभी रिजॉर्ट्स को एक ही तराजू में तौलते हुए शासनादेश पर ताबड़तोड़ छापे मारे जा रहे है,और स्थानीय प्रशासन को सरकार की गुडबुक में शामिल होने का मौका मिल रहा है।
 
सोशल मीडिया में अब इन रिजॉर्ट्स को सील करने की बात कही जा रही है जिस पर आवाज़ इंडिया की टीम ने टनकपुर एसडीएम हिमांशु कफलटिया से संपर्क साधा तो उन्होंने बताया कि हमारी ओर से जो भी आवश्यक कार्यवाही बनती थी वो हमने की,अनियमितताओ को लेकर चेतावनी दी गयी है।  अगर रिजॉर्ट वन भूमि पर है तो इसकी भी जांच होगी जो वन विभाग करेगा,और न्यायोचित कार्यवाही की जायेगी। इसके बाद वन विभाग रेंजर राजेंद्र मनराल से संपर्क साधा गया तो उन्होंने बताया कि ऐसा कोई मामला संज्ञान में नही है वन विभाग की टीम निरीक्षण करने गयी है पूरी तरह जांच होने के बाद ही इस सम्बंध में कुछ कहा जा सकता है।

वही सोशल मीडिया में रिजॉर्ट सील होने की ख़बरो को लेकर रिजॉर्ट मालिक और कर्मचारियों की सांस गले में अटकी हुई है, किसी को अपने निवेश खत्म हो जाने का डर है तो किसी को नौकरी चले जाने का भय।अंकिता मर्डर केस के बाद वर्तमान सरकार का ढुलमुल रवैया सबके सामने है अब सरकार लीपापोती कर सारा ठीकरा उत्तराखंड के रिजॉर्ट्स और होटल्स पर फोड़ना चाहती है और बिना जांच पड़ताल के बुलडोजर संस्कृति को मनमाने तरीके से बढ़ा रही है,जो आमजन के लिए नुकसानदायक और खतरनाक साबित हो सकता है।

लोकतंत्र और कानून का पालन सभी को करना चाहिए, वर्तमान में अगर कोई रिसॉर्ट अवैध रूप से  संचालित हो रहा है तो सवाल तो यही उठता है कि जब कोई अंकिता बेमौत इसी तरह मारी जाएगी क्या तभी सरकार जागेगी और क्या तभी अवैध रिजॉर्ट्स और होटलों पर कार्यवाही होगी? और जब कार्यवाही होगी तब अवैध के साथ वो रिजॉर्ट्स और होटल्स भी निशाने पर आएंगे जहाँ पहले से ही सब आते जाते रहे हो पार्टियां की हो और मामूली खामियां होने पर सरकार की गुडबुक में शामिल होने के लिए सख्त कार्यवाही अचानक कर दी जाए,और सैकड़ो कर्मचारियों को बेरोजगार कर दिया जाए। गेंहू के साथ घुन पीसने की राजनीति से होटल रिजॉर्ट्स व्यवसायियों की कमर तोड़ना कितना जायज है?