टोल प्लाजा प्रकरणः एक्शन मोड में NHAI! मंत्रालय भेजी गई वीडियो रिकॉर्डिंग, एसओजी ने खंगाले सीसीटीवी फुटेज, सांसद प्रतिनिधि और नगर पंचायत अध्यक्ष पुत्र ने रखा अपना पक्ष

रुद्रपुर। ऊधम सिंह नगर जिले के किच्छा स्थित टोल प्लाजा पर मारपीट व तोड़फोड़ का मामला खासा सुर्खियों में बना हुआ है। इस मामले में जहां लालपुर नगर पंचायत अध्यक्ष के बेटे और ब्लॉक प्रमुख सहित 15 अज्ञात लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया है, वहीं पूरे प्रकरण को एनएचएआई ने गंभीरता से लिया है। बताया जा रहा है कि एनएचएआई ने उच्चाधिकारियों को पूरे घटनाक्रम से अवगत कराया है। गल्फार कंपनी के अधिकारियों के अनुसार मामले को गंभीरता से लिया जा रहा है और प्रकरण की वीडियो रिकॉर्डिंग उच्चाधिकारियों के साथ ही मंत्रालय को भेज दी गयी है। इधर टोल प्लाजा पर उपजे विवाद के बाद रविवार को एसओजी की टीम ने सीसीटीवी फुटेज खंगाले और छानबीन शुरू कर दी है।
बता दें कि शनिवार देर रात एक कार टोल प्लाजा के बैरियर संख्या पांच पर पहुंची थी। इस दौरान बैरियर नहीं खुलने पर कार में बैठे कुछ युवक बाहर निकले और बैरियर को हाथ से हटाने लगे। तभी युवकों की टोल प्लाजा कर्मियों से बहस हो गयी। देखते ही देखते यह बहस मारपीट तक पहुंच गयी। आरोप है कि इसी बीच युवकों के साथी मौके पर पहुंच गए और कर्मचारियों के साथ बुरी तरह मारपीट करने लगे। इस दौरान जब टोल कर्मी भागकर कंट्रोल रूम में पहुंचे तो दबंग युवक वहां भी पहुंच गए और मारपीट करने के साथ ही तोड़फोड़ की। इसके कुछ वीडियो भी सामने आए हैं।
इधर सूचना पर लालपुर चौकी पुलिस मौके पर पहुंची, लेकिन दबंगों ने पुलिस के सामने ही खूब उत्पात मचाया। इस दौरान करीब एक घंटे तक टोल प्लाजा पर अफरा-तफरी का माहौल बना रहा। बाद में पुलिस के समझाने पर युवक वहां से चले गए। मामले में पुलिस ने टोल कर्मी की ओर से दी गई तहरीर के आधार पर नगर पंचायत अध्यक्ष के बेटे, ब्लॉक प्रमुख और भाजपा से जुड़े कुछ लोगों समेत 15 के खिलाफ केस दर्ज किया है।
इधर इस मामले में सांसद प्रतिनिधि विपिन जल्होत्रा ने कहा कि घटना की जानकारी मिलने पर वह मौके पर पहुंचे थे और बीच-बचाव किया था। उन्होंने किसी के साथ मारपीट नहीं की। उनका आरोप है कि टोल प्लाजा कर्मियों द्वारा मारपीट की गयी थी, लेकिन वह बीच-बचाव कर रहे थे।
वहीं लालपुर नगर पंचायत अध्यक्ष के पुत्र अमृतपाल सिंह ने भी मारपीट की घटना से इंकार किया है। उन्होंने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि उनकी गाड़ी में फास्टैग लगा हुआ था। गेट संख्या पांच पर कोई कर्मचारी नहीं था और तकनीकी खराबी होने पर बैरियर उठ नहीं रहा था। इस दौरान उनके साथियों ने बैरियर उठाना चाहा तो कुछ टोल प्लाजा कर्मियों ने बहस करनी शुरू कर दी। तभी वहां विवाद हो गया, जिसमें उन्होंने बीच-बचाव किया था। उनका आरोप है कि टोल प्लाजा कर्मियों द्वारा पीछे से आकर हमला किया गया।