पति ने बेदर्दी से पत्नी को उतारा मौत के घाट! फिर खुद भी की जान लेने की भी कोशिश 

The husband brutally killed his wife! Then he also tried to kill himself

कोटद्वार। एक व्यक्ति ने देर रात पत्नी की गला दबाकर हत्या कर दी। इसके बाद खुद की भी जान लेने की कोशिश की। घायल अस्पताल में उपचाराधीन है। वहीं, मृतका के परिजनों में कोहराम मचा है।  रिखणीखाल थाना क्षेत्र के गांव धामधार निवासी मनोज रावत पुत्र केसर सिंह अपनी पत्नी शशि पुत्री सतपाल सिंह रावत, निवासी कुमाल्डी, रिखणीखाल के साथ कोटद्वार में जल निगम स्टोर के पास किराए के मकान में रह रहा था।

 जानकारी के अनुसार बुधवार-गुरुवार की रात पति-पत्नी के बीच कहासुनी हुई। देर रात मनोज ने पत्नी की गला दबाकर हत्या कर दी और अपनी जान देने के लिए चाकू से गला व दोनों हाथों की नसों को काट लिया। एंबुलेंस से मनोज और शशि को बेस अस्पताल लाया गया। चिकित्सक ने शशि को मृत घोषित कर दिया। वहीं मनोज को अस्पताल में भर्ती कर उपचार दिया गया। घटना की सूचना मिलने पर रिखणीखाल के गांव कुमाल्डी से मृतका शशि के परिजन अस्पताल पहुंचे। बेटी की मौत से जहां परिजनों में कोहराम मचा था, वहीं घटना को लेकर उनमें काफी गुस्सा भी था। तहसीलदार साक्षी उपाध्याय ने अस्पताल पहुंचकर घायल मनोज रावत के बयान दर्ज किए। अस्पताल में इस बात को लेकर चर्चा थी कि मनोज ने तनाव में इस घटना को अंजाम दिया। वह पुलिस, अस्पताल कर्मियों और परिजनों से बार-बार पत्नी के बारे में पूछता रहा।  हरियाणा पुलिस में उपनिरीक्षक पद से वर्ष 2023 में सेवानिवृत हुए मृतका शशि के पिता सतपाल सिंह रावत ने बताया कि उन्होंने 2013 में पुत्री की शादी मनोज रावत से की थी। तब मनोज होटल मैनेजमेंट से जुड़ी जॉब करता था। कुछ दिन सब कुछ ठीक-ठाक चलने के बाद वह शशि को परेशान करने लगा था। सतपाल सिंह ने बताया कि उनके दो बच्चे होने के बाद परिवार को संभालने के लिए आर्थिक और मानसिक रूप से समय-समय पर मदद करता रहा। यहां तक कि कोरोनाकाल के बाद लाखों रुपये खर्च कर दामाद मनोज को होटल के क्षेत्र में नौकरी करने के लिए जर्मनी भी भेजा था। जहां से वह 6 महीने बाद ही वापस लौट आया और तब से वह पत्नी शशि को ज्यादा परेशान करने लगा था। सतपाल सिंह का कहना है कि कल यानी बुधवार को ही वह घर की जरूरत का सामान पुत्री व दामाद को दिलाकर वापस घर लौटा था और रात ही दामाद मनोज ने पुत्री शशि को मार डाला। मनोज-शशि के 7 और 9 साल के दो बच्चे हैं। मां की मौत और पिता के गंभीर रूप से घायल होने के बाद दोनों बच्चों को कोटद्वार में ही रह रहे उनके मामा के घर ले जाया गया है।