जज्बे को सलामः गांव से पलायन कर रहे लोगों के लिए नजीर बनी बागेश्वर के पुराडा गांव की निर्मला! ऑर्गनिक खेती से कर रही अच्छी आमदनी

Salute to the spirit: Nirmala of Purada village of Bageshwar has become an example for the people migrating from the villages! Earning good income from organic farming

रिपोर्ट- छाया ममगाई 

बागेश्वर। अगर मन में विश्वास हो तो कोई भी चीज असंभव नहीं। ऐसा ही कुछ कर दिखाया बागेश्वर जनपद के पुरडा गांव निवासी निर्मला थायत ने। उन्होंने परम्परागत खेती के साथ-साथ बंजर हो चुके खेतों में सब्जी की खेती करने की ठान ली। जिसमें उन्हें उनके पति संजय थायत का भी पूरा सहयोग मिला, उनके पास संसाधनों की काफी कमी थी। हिम्मत नहीं हारी और अपने 20 नाली बंजर होते जा रहे खेतों को आबाद किया। उनकी मेहनत अब रंग ला रही है। वह आज क्षेत्र में रह रहे अन्य लोगों के लिए नजीर बने हुए हैं। बागेश्वर जनपद के गरुड़ विकास खंड के पुरडा गांव निवासी निर्मला थयात बताते हैं कि अभी उन्होंने मटर, गोभी, कद्दू, शिमलामिर्च, प्याज़ के साथ-साथ मछली पालन व मशरूम उत्पादन किया है। दिन-रात खेतों की पहरेदारी व तारबाड़ कर उन्होंने आखिरकार सफलता प्राप्त कर ली। आज ये महिला उन तमाम लोगों के लिए नजीर बने हैं जो ये कहते हुए गांव से पलायन कर रहे हैं कि गांव में कुछ नही है करने को। निर्मला इस कारोबार को बढ़ाने का लगातार प्रयास कर रहे हैं। जिसमें वे बेमौसमी सब्जी, मशरूम व मछली आदि का भी उत्पादन कर रहे हैं। निर्मला की देखा देखी आस-पास के लोग भी गांव ना छोडऩे का मन बना रहे हैं। वह तकनीक पर आधारित कृषि कर अपनी आमदमी दोगुनी करने का प्रयास कर रहे हैं।