रुद्रपुरः बेटी होने की ये कैसी सज़ा? इंस्पेक्टर ने पत्नी को पिटवाने के लिए बुलवाए गुंडे! तहरीर देने पर भी नहीं दर्ज की एफआईआर, जांच के नाम पर लटकाया मामला

Rudrapur: What kind of punishment is this for having a daughter? Inspector called goons to beat his wife! FIR was not registered even after giving a complaint, the case was kept pending in the name o

रुद्रपुर। उत्तराखंड में पुलिस अधिकारियों द्वारा महिलाओं पर किए जा रहे उत्पीड़न रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं। एक ऐसा ही मामला रुद्रपुर में आया है, जहां एसएसपी के पेशकार इंस्पेक्टर पर अपनी पत्नी को पहले खुद पीटने और फिर बाहरी गुंडों को घर में बुलाकर पत्नी को पिटवाने के आरोप लगे हैं। हद तो तब हो गई जब पीड़िता के पिता ने सिड़कुल चौकी में तहरीर दी और पुलिस ने दबंगों पर कोई कार्रवाही नहीं की, जिसके बाद पीड़िता एफआईआर दर्ज न होने पर न्याय मांगने एसएसपी के पास गई तो एसएसपी साहब ने पारिवारिक मामला कहकर पल्ला झाड़ लिया।

वैजयंती देवी के अनुसार उनकी दो बेटियां हैं पहली बेटी की उम्र 7 वर्ष है और दूसरी बेटी ढाई साल की है। वैजयंती देवी का आरोप है कि जब से दूसरी बेटी का जन्म हुआ है तब से लड़की पैदा होने के ताने देकर उनको परेशान किया जा रहा है और आए दिन उनके साथ मारपीट की जा रही है। वैजयंती देवी के अनुसार उनके पति इंस्पेक्टर आशुतोष कुमार सिंह ने मंगलवार को शाम 6 बजे रुद्रपुर के दबंगों से भी उनके घर पर जानलेवा हमला करवाया। हमला करने वाले दबंगों में एक अनिल सिंह नाम का व्यक्ति है और दूसरा दारा सिंह है। दोनों पर कई केस दर्ज हैं और अनिल सिंह तो कुछ दिन पहले ही जेल से बाहर आया है।

पीड़िता के पिता हर्ष बहादुर चंद ने दबंगों पर कार्रवाही करने के लिए मंगलवार को सिड़कुल पुलिस चौकी में तहरीर सौंप दी थी, लेकिन पुलिस ने जांच के नाम पर मामले को टाल दिया, जिसके बाद वैजयंती देवी एसएसपी ऑफिस रुद्रपुर पहुंची और न्याय की गुहार लगाने लगी। जिस पर एसएसपी मणिकांत मिश्रा ने पारिवारिक मामला बताते हुए पल्ला झाड़ लिया। पीड़िता के पिता हर्ष बहादुर चंद के अनुसार वो कल शाम बेटी को छोड़ने रुद्रपुर आए थे, लेकिन जैसे ही वो अंदर घुसे वहां 10 से 12 गुंडे शराब पी रहे थे। पिछले दो साल से उनकी बेटी को परेशान किया जा रहा है और अब तो मारने की भी धमकी दी जा रही है। हर्ष बहादुर चंद का कहना है कि शादी को 7 से 8 साल हो चुके हैं, लेकिन पिछले दो सालों से बेटी का सारा खर्चा वो कर रहे हैं। अगर उनकी बेटी को कुछ होता है तो इसकी पूरी जिम्मेदारी उत्तराखंड पुलिस और उत्तराखंड सरकार की होगी।

उत्तराखंड में निरीक्षक के पद पर तैनात आशुतोष कुमार सिंह उधमसिंह नगर जनपद में काशीपुर कोतवाल, आईटीआई थाना, एसएसपी के पेशकार रहे हैं। वहीं कुछ माह पहले ही उनका तबादला पिथौरागढ़ हुआ है। अब उन पर मारपीट के आरोप उनकी ही पत्नी के द्वारा लगाए गए हैं जो गंभीर मामला है। लेकिन उधम सिंह नगर की पुलिस मामले को पारिवारिक बताकर रफा-दफा कर देना चाहती है क्योंकि आरोप उनके ही विभाग के अधिकारी पर लग रहे है। फिलहाल सिडकुल चौकी ने तहरीर तो ले ली है, लेकिन कार्रवाही कब तक होगी ये कहना अभी जरा मुश्किल है।