लोकसभा में विपक्ष का हंगामा: विपक्षी सांसदों के हंगामे के चलते लोकसभा कार्यवाही 12 बजे तक स्थगित, SIR को लेकर राज्यसभा में हंगामा जारी
नई दिल्ली। संसद के 15 दिनों के शीतकालीन सत्र का आज दूसरा दिन है। लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी सांसदों का एसआईआर पर चर्चा की मांग को लेकर हंगामा भी शुरू हो गया। इस दौरान विपक्षी सांसदों ने वोट चोर, गद्दी छोड़ के नारे भी लगा रहे हैं। इससे पहले सोमवार को पूरा दिन हंगामेदार रहा। विपक्षी सांसदों के हंगामे के चलते सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। विपक्ष एसआईआर के मुद्दे पर सरकार को घेरने की कोशिश में लगा है। सरकार चाहती है कि अहम बिलों पर चर्चा हो।
SIR के खिलाफ विपक्ष का लगातार दूसरे दिन संसद में प्रदर्शन जारी है। लोकसभा की कार्यवाही सुबह 11 बजे शुरू होते ही सभी विपक्षी सांसदों ने नारेबाजी शुरू कर दी। कुछ सांसद वेल तक पहुंच गए। स्पीकर ने इस दौरान प्रश्नकाल को जारी रखा, लेकिन विपक्ष लगातार 20 मिनट तक 'वोट चोर- गद्दी छोड़' के नारे लगाता रहा। इसके बाद स्पीकर ओम बिरला ने कार्यवाही 12 बजे तक स्थगित कर दी। उधर, राज्यसभा में भी विपक्ष का प्रदर्शन और नारेबाजी जारी है। इस बीच कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, 'लोकतंत्र की रक्षा के लिए विरोध-प्रदर्शन जरूरी है।' इससे पहले विपक्ष ने सुबह 10: 30 बजे संसद परिसर में मकर द्वार के सामने लगातार दूसरे दिन प्रदर्शन किया। इनकी मांग है कि सरकार SIR इस पर फौरन चर्चा करे।
सत्र के पहले दिन (1 दिसंबर) दोनों सदनों में SIR और वोट चोरी के आरोप के मुद्दे पर विपक्ष ने हंगामा किया था। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने राज्यसभा में बताया था कि सरकार SIR और चुनावी सुधारों पर चर्चा के लिए तैयार है। विपक्ष से अपील कि वह इस पर कोई समय सीमा न थोपें। सूत्रों के मुताबिक विपक्ष ने तर्क रखा है कि चर्चा में एसआईआर शब्द की जगह सरकार चाहे तो इलेक्टोरल रिफॉर्म या किसी अन्य नाम का उपयोग करते हुए विषय को कार्यवाही में सूचीबद्ध कर ले। सरकार इस तर्क पर राजी हो सकती है। वह इस पर अपना रुख बिजनेस एडवाइजरी कमेटी में रखेगी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, वंदे मातरम् के 150 साल पूरे होने पर सरकार सदन में वंदे मातरम् पर 10 घंटे चर्चा करा सकती है। यह बहस गुरुवार-शुक्रवार को हो सकती है। पीएम मोदी खुद इसमें हिस्सा ले सकते हैं। 30 सितंबर को राज्यसभा की बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक में सत्तारूढ़ दल के कई सदस्यों ने इस चर्चा का प्रस्ताव रखा था। अब तक ऑफिशियल बयान नहीं आया है। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू के बयान 'विपक्ष सदन को न चलने देने के बहाने ढूंढता है' पर कांग्रेस सांसद रेणुका चौधरी ने कहा, 'अरे तुम नालायक हो तो हम क्या करें, तुमको चलाना नहीं आता तो हम क्या करें। हम मुद्दा भी ना उठाएं। हम सांसद हैं और लोगों की आवाज उठाना हमारा कर्तव्य है।