Name Change:अमृत महोत्सव की थीम के तहत राष्ट्रपति भवन में स्थित मुग़ल गार्डन का बदला नाम!अमृत उद्यान के नाम से जाना जाएगा ऐतिहासिक गार्डन,मुग़लो ने नही बल्कि किसी और ने किया था निर्माण, जानिए रोचक इतिहास

Name Change: Under the theme of Amrit Mahotsav, the name of the Mughal Garden located in Rashtrapati Bhavan has been changed! It will be known as Amrit Udyan.

केन्द्र सरकार ने आज राजधानी दिल्ली के राष्ट्रपति भवन स्थित मुगल गार्डन का नाम बदलकर अमृत उद्यान कर दिया है। खबरों की मानें तो भारत की आजादी के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में ‘अमृत महोत्सव’ की थीम को ध्यान में रखते हुए सरकार ने मुगल गार्डन का नाम बदलकर अमृत उद्यान कर दिया। अमृत ​​उद्यान का उद्घाटन 29 जनवरी रविवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा किया जाएगा और 31 जनवरी से 26 मार्च तक दो महीने के लिए खुला रहेगा। बता दें कि हर साल अमृत उद्यान आम लोगों के लिए खोला जाता है, जो अब 31 जनवरी को खुलेगा और 26 मार्च तक दो माह तक के लिए खुला रहेगा। गार्डन खुलने का समय10 बजे से शाम 4 बजे तक रहेगा। 28 मार्च को किसानों के लिए, 29 को दिव्यांगों के लिए, 30 पुलिस और सेना के लिए यह खुलेगा।


आइये अब मुगल गार्डन के इतिहास को जानते है।

मुगल गार्डन के नाम से पता चलता है कि इसे मुगल शासकों ने बनवाया होगा। लेकिन ऐसा नहीं है इस गार्डन का निर्माण ब्रिटिश शासन के दौरान हुआ था। जब भारत पर अंग्रेजों शासन हुआ तो देश की राजधानी कोलकाता थी। 1911 में भारत की राजधानी दिल्ली शिफ्ट हो गई। दिल्ली में वायसराय हाउस का निर्माण किया गया। आजादी के बाद यह हाउस राष्ट्रपति भवन बन गया। इस भवन का डिजाइन ब्रिटिश आर्किटेक्ट सर एडिवन लूटियंस ने तैयार किया। इंग्लैंड से भारत आने के बाद सर एडविन लूटियंस ने मुगल गार्डन का नक्शा बनाया। 1917 में मुगल गार्डन के डिजाइन तैयार किया गया। यह गार्डन 1928 में बनकर तैयार हुआ।वायसराय हाउस यानी राष्ट्रपति भवन रायसीना की पहाड़ी पर बनाया गया। यहां अंग्रेजी शासक ने वायसराय के लिए फूलों का बाग बनवाया। मुगल गार्डन अपने तरह का अकेला ऐसा गार्डन है जहां दुनिया भर के रंग-बिरंगे फूल देखने के मिलते हैं। मुगल गार्डन को चार हिस्सों में बांटा गया है। चतुर्भुजकार उद्यान, लंबा उद्यान, पर्दा उद्यान और वृत्ताकार उद्यान।
आजादी के बाद वायसराय हाउस का नाम बदल कर राष्ट्रपति भवन कर दिया गया। देश के पहले राष्ट्रपति डॉ राजेन्द्र प्रसाद यहां रहने आए। तब उन्होंने मुगल गार्डन आम लोगों के लिए ओपन कर दिया गया। उसके बाद से हर बसंत ऋतु मुगल गार्डन आम लोगों खोला जाता रहा है। अब इसका नाम बदल कर अमृत उद्यान कर दिया है।