महाकुंभ से चर्चा में आए ‘आईआईटी बाबा’! मुंबई आईआईटी से एयरो स्पेस में की इंजीनियरिंग, कहानी सुनकर आप भी रह जाएंगे हैरान

'IIT Baba' came into limelight from Mahakumbh! Engineering in aerospace from Mumbai IIT, you will be surprised to hear the story

प्रयागराज। यूपी के प्रयागराज में आस्था का महाकुंभ चल रहा है। इस दौरान खासी संख्या में देश-विदेशी से श्रद्धालु यहां पहुंच रहे हैं। इस बीच तमाम साधु-संतों के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। ऐसा ही एक वीडियो आईआईटी बाबा का भी है। आईआईटी बाबा का नाम अभय सिंह है। अभय सिंह आईआईटी-बॉम्बे के पूर्व छात्र हैं और एयरोस्पेस इंजीनियर भी रह चुके हैं। आईआईटी बाबा अपने वायरल वीडियो में बताते हैं कि वह किस तरह सांसारिक दुनिया को छोड़कर आध्यात्म की दुनिया में आ गए हैं। 

अभय सिंह से संन्यासी बने मसानी गोरख बाबा ने बताया कि इससे बेहतर कोई अवस्था नहीं। ज्ञान के पीछे चलते जाओ चलते जाओ.. लेकिन अंत में सबको यहीं आना है। उन्होंने आईआईटी मुंबई में चार साल पढ़ाई की, लेकिन फिर उन्होंने इंजीनियरिंग छोड़कर फोटोग्राफी शुरू कर दी। इससे पहले उन्होंने एक कोचिंग में बच्चों को फिजिक्स की पढ़ाई भी कराई। आईआईटी बाबा ने कहा कि उन्होंने कोचिंग में इसलिए पढ़ाया क्योंकि वो फोटोग्राफी करना चाहते थे, लेकिन बिना डिग्री के कोई काम दे ही नहीं रहा था। इस बीच उन्होंने डिजाइनिंग में मास्टर की डिग्री हासिल की। इसके बाद फोटोग्राफी का काम शुरू किया, वो कई जगहों पर गए. इधर उधर घूमते रहे। लेकिन, फिर उनका इस सब से भी मन उचट गया तो वो संन्यासी जीवन में आ गए। बाबा ने बताया कि वो कई धार्मिक स्थलों पर रह चुके हैं। पिछले चार महीनों से काशी में रहे और ऋषिकेश में भी रहे। उन्होंने बताया कि उनका ठिकाना बदलता रहता है वो चारों धामों पर भी रहते हैं। 

इधर आईआईटी बाबा को लेकर चल रही तमाम चर्चाओं के बीच अब उनके पिता का एक बड़ा बयान सामने आया है। आईआईटी बाबा मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले के सासरौली गांव के रहने वाले हैं। मीडिया से बात करते हुए आईआईटी बाबा अभय सिंह के पिता कर्ण सिंह बताते हैं कि उन्हें सोशल मीडिया के जरिए ही अपने बेटे के संसार को त्यागने और आध्यात्म के रास्ते पर चलने के बारे में जानकारी मिली है। उन्होंने बताया कि उनका बेटा अभय सिंह बचपन से ही पढ़ने-लिखने में काफी तेज था। अच्छी रैंक आने के बाद उसे मुंबई आईआईटी में दाखिला मिला था। कोरोना काल के दौरान वह कनाडा में अपनी बहन के साथ रहता था और वहां उसने नौकरी भी की थी। पिता कर्ण सिंह ने बताया कि कनाडा से आने के बाद वह बेटे को लेकर भिवानी के एक नेचुरोपैथी हॉस्पिटल में गए थे। वहां पर मेडिटेशन के दौरान डॉक्टर ने बताया कि अभय का झुकाव आध्यात्म की ओर हो गया है। भले ही अभय को सोशल मीडिया पर अच्छी-खासी सुर्खियां मिल रही हो लेकिन उनके पिता इससे खुश नहीं हैं।