फर्जी डीईओ बनकर ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़! चार साइबर अपराधी गिरफ्तार

बांका जिले की साइबर पुलिस को एक बड़ी सफलता मिली है। पुलिस ने ऐसे चार साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है, जो खुद को जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ) बताकर शिक्षकों से जुड़ी संवेदनशील जानकारी हासिल कर ठगी कर रहे थे। ये आरोपी सरकारी मोबाइल नंबर और ई-शिक्षा कोष की जानकारी का दुरुपयोग कर फर्जी सिम पोर्टिंग के जरिए शिक्षकों को निशाना बना रहे थे।
इस मामले का खुलासा तब हुआ, जब अमरपुर प्रखंड स्थित मध्य विद्यालय, लौसा के प्रधानाध्यापक संजीव कुमार तिवारी ने साइबर थाना में लिखित शिकायत दी। उन्होंने बताया कि कुछ अज्ञात लोगों ने जिला शिक्षा पदाधिकारी के नाम का उपयोग कर उनके सरकारी मोबाइल नंबर और ई-शिक्षा कोष की जानकारी का दुरुपयोग किया है। शिकायत को गंभीरता से लेते हुए बांका के पुलिस अधीक्षक उपेंद्रनाथ वर्मा के निर्देश पर साइबर थाना अध्यक्ष सह डीएसपी अनुपेश नारायण के नेतृत्व में एक विशेष जांच टीम का गठन किया गया। इस टीम में बांका साइबर डीआईयू (डिस्ट्रिक्ट इंटेलिजेंस यूनिट) के तकनीकी विशेषज्ञ और वैज्ञानिक शामिल थे। तकनीकी अनुसंधान और मोबाइल लोकेशन ट्रेसिंग के आधार पर पटना, नवादा और नालंदा जिलों में छापेमारी की गई। इस कार्रवाई के दौरान चार साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया गया। इनके पास से पांच मोबाइल फोन और दस विभिन्न कंपनियों के सिम कार्ड बरामद किए गए।
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान सैनी कुमार, सूरज कुमार, अभिषेक कुमार और संतोष कुमार के रूप में हुई है। सभी आरोपी नालंदा जिले के फरासपुर गांव के निवासी हैं। पूछताछ में चारों ने स्वीकार किया कि वे एक संगठित गिरोह का हिस्सा हैं, जो सरकारी पदाधिकारियों की पहचान का झांसा देकर शिक्षकों और कर्मियों को ठगते थे। इस छापेमारी दल में डीएसपी अनुपेश नारायण के साथ ओम प्रकाश, अशोक कुमार (साइबर थाना, बांका), तथा प्रशांत कुमार, विजय कुमार, धर्मेंद्र कुमार और नूर आलम (डीआईयू टीम) शामिल थे। इनके अलावा अन्य पुलिस बल के जवानों ने भी अभियान में सक्रिय भूमिका निभाई। पुलिस सूत्रों के अनुसार, यह गिरोह राज्यभर में सक्रिय था और कई शिक्षकों और सरकारी कर्मियों को अपना शिकार बना चुका है। ये तकनीकी जानकारी का इस्तेमाल कर लोगों की निजी पहचान से जुड़ी जानकारियां जुटाते थे और सिम पोर्टिंग के जरिए उनके नाम पर फर्जी मोबाइल नंबर चालू कर लेते थे। इन नंबरों से फोन या मैसेज भेजकर वे लोगों को ठगते थे। बांका पुलिस इस गिरोह से जुड़े अन्य सदस्यों की तलाश में लगातार छापेमारी कर रही है। साथ ही आम लोगों और सरकारी कर्मियों से अपील की गई है कि वे अपने मोबाइल नंबर और अन्य आधिकारिक जानकारियों को लेकर सतर्क रहें। किसी भी संदिग्ध कॉल या अनुरोध की जानकारी तुरंत साइबर थाना को दें।