भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट के सख्त निर्देश के बाद भी नेताओं ने नहीं हटाई सोशल मीडिया से पोस्ट! 'पार्टी विद द डिफरैंस' की उड़ा रहे है धज्जियां

Even after strict instructions from BJP State President Mahendra Bhatt, the leaders did not remove the posts from social media! 'Party with the difference' is being blown to pieces

बीजेपी के बड़े नेता अक्सर अपने दल को 'पार्टी विद द डिफरैंस' बताते हैं। यानी बीजेपी अन्य दलों जैसी नहीं बल्कि हर मामले में अनुशासित है। लेकिन लोकसभा चुनाव के मतदान के बाद अनुशासन की धज्जियां उड़ती दिखी हैं। बीजेपी के कुछ नेताओं ने अपनी नाराजगी को सोशल मीडिया के माध्यम से प्रकट किया। इस पर पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने नेताओं को तलब करके फटकार लगाते हुए चेतावनी भी दी कि कोई भी शिकायत हो उसे पार्टी फोरम में रखा जाए, न कि सोशल मीडिया पर ढिंढोरा पीटा जाए। उनकी समझाइश के बाद भी बयानवीरों ने सोशल मीडिया से अपनी पोस्ट नहीं हटाई हैं। 

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने सभी नेताओं के साथ बैठक कर सभी को सख्त निर्देश देते हुए अपनी बात पार्टी प्लेटफॉर्म कर रखने की सख्त हिदायत दी है। उन्होंने कहा जो भी बात किसी नेता को रखनी है वो पार्टी प्लेटफॉर्म पर ही रखी जाए। सोशल मीडिया या किसी अन्य माध्यम से बात रखे जाने पर इसको अनुशासनहीनता माना जाएगा। ऐसा भविष्य में दोबारा न हो, इसके लिए प्रदेश अध्यक्ष द्वारा कड़े निर्देश सभी को दिए गए हैं। टिहरी के भाजपा विधायक किशोर उपाध्याय और भाजपा के प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य खेम सिंह चौहान सहित अन्य बयानवीरों की प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट के द्वारा क्लास लेने के बद भी खेम सिंह चौहान ने फेसबुक से पोस्ट नहीं हटाई है। बीते दिनों गढ़वाल के टिहरी से शुरू होकर कुमाऊं के रानीखेत तक पहुंची भाजपा नेताओं की आपसी अंतर्कलह का भाजपा हाईकमान ने अब संज्ञान लेते हुए 5 नेताओं को पार्टी मुख्यालय तलब किया। 

उत्तराखंड में लोकसभा चुनाव भले ही संपन्न हो चुका हो लेकिन सियासी पारा गिरने का नाम नहीं ले रहा है। बीते दिनों टिहरी से भाजपा विधायक किशोर उपाध्याय, हाल ही में भाजपा में शामिल हुए पूर्व मंत्री दिनेश धनै और भाजपा नेता खेम सिंह चौहान के बीच आपसी खींचतान के बाद भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने सभी नेताओं को भाजपा प्रदेश मुख्यालय में तलब किया और सभी से जवाब मांगा गया। बता दें कि टिहरी विधायक किशोर उपाध्याय ने पूर्व मंत्री दिनेश धनै के बीच टेंडर मामले को लेकर टीएचडीसी के निदेशक को पत्र लिखा। जिससे आपसी खींचतान देखने को मिली। इस पर विधायक किशोर उपाध्याय ने अपनी बात पार्टी फोरम में न रखते हुए सीधे फेसबुक में डाल दी जिससे मामला सुर्खियों में रहा। वहीं भाजपा के प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य खेम सिंह चौहान जो टिहरी के रहने वाले है इनके द्वारा भी फेसबुक पर एक पोस्ट डाली गई थी। इस पोस्ट भी बबाल मचा हुआ था। इन सब मामलों का संज्ञान लेते हुए प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने सबकी क्लास लगाई। आगे की चेतावनी दी कि भविष्य में इस तरह की कोई हरकत नहीं की जाएगी।  अगर पार्टी के किसी भी नेता और कार्यकर्ता को शिकायत है तो वह सीधे अपनी बात पार्टी फोरम में रखे। पार्टी फोरम से बाहर जाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस फटकार और चेतावनी के बाद भी अभी तक टिहरी के इन नेताओं के द्वारा अपने फेसबुक से पोस्ट नहीं हटाई गई है। अब ये चर्चा है कि अब तक पोस्ट नहीं हटाई गई है। लोकसभा चुनाव के बाद भाजपा के नेताओं की तकरार को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने अब तलब करके शांत करने की कोशिश जरूर की है, लेकिन देखना होगा कि क्या भाजपा की सख्ती के बाद नेताओं में बदलाव नजर आता है।