जनपद को डीएम सौरभ गहरवार की सौगात! रुद्रप्रयाग में वायरलेस सिस्टम विकसित,देश में पहली बार किसी जिले ने अपना नेटवर्क किया स्थापित

रुद्रप्रयाग। आपदा की दृष्टि से अति संवेदनशील जनपद में मजबूत नेटवर्क को स्थापित किया जा चुका है, जो हर परिस्थिति में साथ देने मेंं सक्षम रहेगा। यह सब संभव हो पाया है जिलाधिकारी डॉ सौरभ गहरवार की पहल से। रुद्रप्रयाग देश का पहला जिला है, जिसने अपना स्वयं का इंट्रानेट स्थापित किया है। इस नेटवर्क की सबसे बड़ी खासियत यह है कि किसी भी प्रकार की आपदा या अन्य विकट परिस्थितियों में बंद नहीं होगा। यह वायरलेस सिस्टम जनपद के 250 किमी क्षेत्र को कवर कर रहा है। जनपद के भीतर यदि कुछ भी घटित होता है तो यह नेटवर्क काम करता रहेगा। नेटवर्क से बात करने की सुविधा के अलावा डाटा भी दिया जा रहा है। इसे डिस्ट्रिक्ट डिजास्टर रिसोर्स नेटवर्क नाम दिया गया है।
रुद्रप्रयाग जिलाधिकारी डॉ सौरभ गहरवार की पहल पर जनपद ने अपना स्वयं का इंट्रानेट स्थापित करके एक नये आयाम को छुआ है। पूरे देश के भीतर रुद्रप्रयाग इकलौता जनपद है, जिसका अपना स्वयं का नेटवर्क है। इस नेटवर्क की सबसे बड़ी खासियत है कि यह किसी आपदा या अन्य विकट परिस्थितियों में सुचारू रूप से चलता रहेगा। नेटवर्क ने जुलाई 2024 में केदारनाथ पैदल मार्ग पर आई त्रासदी के समय भी पूरा साथ दिया था। जहां अन्य कंपनी के नेटवर्क केदारनाथ पैदल मार्ग पर कोई काम नहीं करते हैं, वहीं इस डिस्ट्रिक्ट डिजास्टर रिसोर्स नेटवर्क ने पूरा साथ दिया। जिसके चलते रास्ते में फंसे यात्रियों के साथ ही मजदूरों ने अपने घर संपर्क भी साधा। साथ ही रेस्क्यू कार्य में भी यह नेटवर्क पूरी तरह से मददगार साबित हुआ। अब यह नेटवर्क पूरी तरह से स्थापित हो चुका है और जिले के दूरस्थ क्षेत्र के स्कूलों को भी इस नेटवर्क से जोड़ा गया है, जिससे स्कूलों में भी पठन-पाठन की व्यवस्था बनी रहे। आपदा की दृष्टि से रुद्रप्रयाग जनपद अति संवेदनशील है। समय-समय पर जनपद के अंतर्गत आपदाएं घटती रहती हैं। ऐसी आपदाओं से निपटने और सूचनाओं को आदान-प्रदान करने में यह नेटवर्क अत्यधिक लाभकारी होगा। नेटवर्क के टॉवरों को ऐसे स्थानों पर चिन्हित करके लगाया गया है, जहां भविष्य में आपदा आने की संभावनाएं ना के बराबर हैं। इस इंट्रा नेटवर्क को स्थापित करने में कोई बड़ी लागत भी नहीं आई है और ना ही शासन और केन्द्र से फंड लिया गया है। बल्कि जिला प्लान, खनन न्यास निधि आदि की धनराशि का सदुपयोग करके नेटवर्क स्थापित किए गए हैं।डिस्ट्रिक्ट डिजास्टर रिसोर्स नेटवर्क से जिले के इंटर कॉलेजों को जोड़ा गया है। इंटर कॉलेजों में डाटा उपलब्ध कराकर छात्रों की ऑनलाइन कक्षाएं संचालित की जा रही हैं। प्रथम चरण में विकासखण्ड जखोली और अगस्त्यमुनि के लगभग 36 इंटर कॉलेजों को डिस्ट्रिक्ट डिजास्टर रिस्पोंस नेटवर्क से जोड़ा गया है, जबकि शीघ्र ही विकासखण्ड ऊखीमठ के इंटर कॉलेजों को भी इससे जोड़ा जाएगा। जनपद के सभी कार्यालयों और ई-डिस्ट्रिक्ट कार्यालयों को भी इस नेटवर्क से जोड़ा गया है। ग्राम पंचायत स्तर पर पंचायत भवन में भी इस नेटवर्क की सुविधा का लाभ मिलेगा। जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में कोई अप्रिय घटना घटने पर शीघ्र जानकारी मिल सके।
इन जगहों पर स्थापित किए गए हैं टॉवर
मोबाइल नेटवर्क का सेंटर आपदा कंट्रोल रूम में बनाया है, जिससे पूरी मॉनिटरिंग की जा रही है। इस नेटवर्क से 36 के करीब स्कूलों को भी जोड़ा गया है और इनके टॉवर स्थापित किए गए हैं, जिनमें डुंगरी, बावई, राइंका तैला, राइंका जाखाल, राइंका जवाड़ी, राइंका पांजणा, बजीरा, राइंका त्यूंखर, बजीरा, तिमली, सकलाना, भीरी, चन्द्रापुरी, कार्तिक स्वामी, मणिगुह, घिमतोली, चन्द्रनगर, भणज, चिरबटिया, सकलाना, सोनप्रयाग, त्रियुगीनारायण, गुप्तकाशी, जग्गी बगवान, मनसूना, पैंज, लिनचोली, रुद्रा प्वाइंट शामिल है। इस नेटवर्क के स्थापित होने से जहां यात्रा के दौरान कोई आपदा घटित होने पर शीघ्रता से जानकारी मिल जाएगी, वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में भी कोई अनहोनी पर संपर्क साधने में मदद मिलेगी। कुल मिलाकर यह नेटवर्क आपदाग्रस्त जिले के लिए किसी बड़ी सौगात से कम नहीं है।
केदारनाथ यात्रा पड़ावों में भी स्थापित है नेटवर्क
रुद्रप्रयाग। डिस्ट्रिक्ट डिजास्टर रिसोर्स नेटवर्क से केदारनाथ धाम, पैदल यात्रा मार्ग के अलावा मुख्य पड़ाव सोनप्रयाग, सीतापुर आदि जुड़ चुके हैं, जबकि केदारघाटी में स्थित दस से अधिक हेलीपैड पर भी यह नेटवर्क कार्य कर रहा है। इस नेटवर्क के जरिये जगह-जगह सीसीटीवी कैमरे अच्छी तरह से कार्य कर रहे हैं और सबसे बड़ी बात यह है कि इस नेटवर्क की क्लियरिटी अन्य नेटवर्कों की तुलना में अत्यधिक अच्छी है। केदारनाथ यात्रा के बेहतर संचालन में डिस्ट्रिक्ट डिजास्टर रिसोर्स नेटवर्क से प्रशासन को अच्छी मदद मिलेगी। हर समय यह नेटवर्क कार्य करता रहेगा। पहले देखा गया है कि केदारनाथ धाम सहित पैदल मार्ग पर बारिश या बर्फबारी होने पर अन्य नेटवर्क घंटों तक या फिर कई दिनों तक के लिये गायब हो जाते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा।
डीएम ने दी जिले को सौगात: रजवार
रुद्रप्रयाग। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नन्दन सिंह रजवार ने बताया कि डीएम सौरभ गहरवार ने जिले को एक बहुत बड़ी सौगात दी है। यह इंट्रानेट आपदा की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण साबित हो रहा है। जिले के दूरस्थ क्षेत्र जहां नेटवर्क की सुविधा नहीं है, वहां-वहां इस नेटवर्क के टॉवर लगाये गए हैं। जिस कार्य में प्राईवेट कंपनियां फाइबर केबल बिछाकर करोड़ों रूपए खर्च करती है और आपदा के दौरान बहुत समस्या देखने को मिलती है, वहीं जिलाधिकारी ने जिले के ऐसे स्थानों पर टॉवर स्थापित करवाएं हैं, जहां भविष्य में कोई भी खतरा नहीं होगा और आपदा के समय भी ये अपना नेटवर्क बहुत मददगार साबित होंगे। रुद्रप्रयाग जैसे आपदाग्रस्त जनपद के लिए ये नेटवर्क किसी बड़ी उपलब्धि से कम नहीं है।
डीडीआरएन हर स्थिति में मददगार साबित होगा: सौरभ
रुद्रप्रयाग। डीएम सौरभ गहरवार ने बताया कि इंट्रानेट एक सॉफ्टवेयर है, जिसका प्रयोग सूचना के आदान-प्रदान और नेटवर्क की सुरक्षा के लिए होता है। केदारनाथ धाम की यात्रा में देश-विदेश से श्रद्धालु पहुंचते हैं। यहां की व्यवस्थाआेंं को सुदृढ़ करने को लेकर यह इंट्रानेट स्थापित किया गया है। आपदा स्थलों की निगरानी, घोडे-खच्चरों का पंजीकरण और उन्हें ट्रेस करना, राजमार्ग और लिंक मार्गों की ट्रेफिक व्यवस्था की निगरानी, पार्किग व्यवस्था की निगरानी, यात्रा के दौरान श्रद्धालुआें की निगरानी करने के साथ-साथ उनसे बात भी कर सकते हैं। आपदा के दौरान रेस्क्यू की निगरानी भी इस इंट्रानेट की मदद से की जा सकती है। जहां अन्य कंपनियों के ओएफसी तार बिछाने से आपदा के दौरान लाइन को क्षति पहुंच जाती है, वहीं इस हवाई नेटवर्क सुविधा से कोई भी नुकसान नहीं होगा, जबकि लोगों से संपर्क आसानी से साधा जा सकता है। वायरलेस नेटवर्क में फ्रीक्वेंसी-हॉपिंग स्प्रेड स्पेक्ट्रम से कोई भी दिक्कत नहीं होती है, जबकि नेटवर्क में काफी सुधार रहता है। अन्य नेटवर्क के मुकाबले ये इंट्रानेट बहुत बेहतर कार्य करता है, जिसकी घंटो की पॉवर होती है। जितनी भी ई-सर्विस है, वहां इंट्रानेट के माध्यम से सुव्यवस्थित तरीके से कार्य हो पा रहे हैं। इस वायरलेस सिस्टम से जिले के 250 किमी क्षेत्र को कवर किया गया है। दूरस्थ गांव के स्कूलों को इस सुविधा से जोड़ा जा रहा है। साथ ही सभी हेली सेवाओं को भी इंट्रानेट के माध्यम से मौसम की सूचना दी जाती है। जिले में स्थापित डिस्ट्रिक्ट डिजास्टर रिसोर्स नेटवर्क हर स्थिति में मददगार साबित हो रहा है।
आपातकालीन स्थिति में वरदान साबित होगा नेटवर्क
रुद्रप्रयाग। रुद्रप्रयाग जनपद में स्थापित डिस्ट्रिक्ट डिजास्टर रिसोर्स नेटवर्क जहां एक-दूसरे से आवाज के माध्यम से संपर्क साधने में सहायक सिद्ध होगा, वहीं इसके जरिये दिए जाने वाले डाटा से मोबाइल में वीडियो व वॉइस कॉलिंग का लाभ मिलेगा। ये कई मायनों में आपदा की दृष्टि से अति संवेदनशीन रुद्रप्रयाग जनपद के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। इसके अलावा केदारनाथ धाम की यात्रा में तीर्थ यात्रियों के लिए राहत देने का काम करेगा। इस इंट्रानेट की मदद से तीर्थयात्रियों से सीधे संपर्क साधा जा सकता है।