पीएचडी में नहीं मिला दाखिला! कुलपति आवास के बाहर धरने पर बैठा दलित छात्र, विवि प्रशासन ने जारी किया स्पष्टीकरण

Did not get admission in PhD! Dalit student sat on dharna outside the Vice Chancellor's residence, University administration issued clarification

वाराणसी। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में पीएचडी में प्रवेश नहीं मिलने से नाराज छात्र ने कुलपति आवास के बाहर धरना शुरू कर दिया। इस मामले को लेकर लगातार सियासत गरमाती जा रही है और छात्र का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वहीं इस मामले में विश्वविद्यालय प्रशासन ने स्पष्टीकरण जारी किया है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने छात्र के आरोपों को खारिज किया है। विश्वविद्यालय ने रिलीज जारी कर बताया कि रेट एक्जेम्टेड श्रेणी में मुख्य विषय के लिए विज्ञापित तीन सीटें उमीदवारों की अनुपलब्धता के कारण रिक्त हैं। पीएचडी प्रवेश के लिए काशी हिंदू विश्वविद्यालय द्वारा प्रकाशित वर्ष 2024-25 के इनफार्मेशन बुलेटिन के पृष्ठ संख्या 19 पर अंकित निर्देश स्पष्ट करता है, कि विज्ञापित सीटों से कम आवेदन प्राप्त होने की स्थिति में सीटों का दूसरी श्रेणी में परिवर्तन काउन्सिलिंग प्रक्रिया आरंभ होने से पहले तक ही संभव है। केंद्र रेट एक्जेम्टेड श्रेणी में विज्ञापित सीटों पर आवेदकों की संख्या, विज्ञापित सीटों से बहुत अधिक थी। साथ ही काउन्सिलिंग प्रक्रिया आरंभ होने के बाद रेट एक्जेम्टेड सीटों का स्थानान्तरण रेट श्रेणी की सीटों में नहीं किया जा सकता है। रिलीज में बताया गया है कि श्रेणी में मुख्य विषय में मेरिट के आधार पर चयनित अभ्यर्थियों की सूची जारी की जा चुकी है। आरक्षण के नियमों के अनुपालन में इस श्रेणी की तीन सीटों में से दो सीटें मुख्य विषय (एक अनारक्षित तथा एक ओबीसी) और एक सीट एलाइड विषय (अनारक्षित) के लिए विज्ञापित की गई थी, जिन पर नियमानुसार प्रवेश सूची जारी की गई है। काशी हिंदू विश्वविद्यालय में पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया पूरी पारदर्शिता, निष्पक्षता और नियमानुसार साफ्टवेयर द्वारा पूरी कराई जा रही हैय विश्वविद्यालय परिवार की सभी सम्बद्ध पक्षों से अपेक्षा है, कि किसी प्रकार की भ्रामक, अपुष्ट सूचनाओं के दुष्प्रचार से बचें, ताकि विश्वविद्यालय की छवि और प्रतिष्ठा को ठेस न पहुंचे।

दरअसल काशी हिंदू विश्वविद्यालय में विभिन्न विभागों और केंद्रों में शोध प्रवेश परिणाम जारी होने लगे है। इसके साथ ही परिणामों को लेकर छात्रों का विरोध भी शुरू हो गया है। शनिवार को मालवीय सेंटर फॉर पीस रिसर्च में शोध प्रवेश में गड़बड़ी को लेकर एक दलित छात्र शिवम सोनकर, कुलपति आवास के बाहर अकेले धरने पर बैठ गया। दलित छात्र शिवम सोनकर का आरोप है कि मैं दलित हूं, इसलिए मेरे साथ विभाग भेदभाव कर रहा है। मैंने काफी मेहनत की है और दूसरा रैंक आया है, लेकिन एडमिशन नहीं हो रहा है। मैं दो दिन से विभाग का चक्कर लगा रहा हूं, लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है। छात्र ने आरोप लगाते हुए कहा कि विभाग द्वारा शोध के 7 सीटों पर प्रवेश होना था, जबकि 4 सीट पर एडमिशन लिया गया और 3 सीट खाली रखी गई हैं। यहीं नहीं खाली सीटों को रेट एग्जम्प्टेड में स्थानांतरित करने का प्रावधान हैं, लेकिन ये भी नहीं किया गया है।