कुमाऊं विवि के हाल: रजिस्ट्रार के आने से पहले 32 कर्मचारी इधर से उधर! कुलपति दीवान सिंह रावत की चल रही मनमानी, भाई को बना दिया एजुकेशनल ईस्टैब्लिशमेंट का इंचार्ज

Condition of Kumaon University: 32 employees moved from here to there before the arrival of the Registrar! Vice Chancellor Diwan Singh Rawat's ongoing arbitrariness, brother made in-charge of educati

नैनीताल। कुमाऊँ यूनिवर्सिटी में जहां लगातार अवैध नियुक्तियों को लेकर नए-नए खुलासे हो रहे हैं वहीं वीसी प्रोफेसर दीवान सिंह रावत दोषियों पर कार्यवाही करने की जगह अपने खास रिश्तेदारों की सलाह पर मनमाने ढंग से फैसले ले रहे हैं जिससे यूनिवर्सिटी में उथल-पुथल का माहौल पैदा हो गया है। सूत्रों के अनुसार भूपाल सिंह करायत विकास एवं नियोजन विभाग में कार्यरत थे। प्रोफेसर दीवान सिंह रावत जैसे ही यूनिवर्सिटी में कुलपति का चार्ज लेते हैं उसके कुछ समय बाद ही भूपाल सिंह करायत को एजुकेशनल ईस्टैब्लिशमेंट का इंचार्ज बना देते हैं और यूनिवर्सिटी के अहम फैसलों में भूपाल सिंह का रोल फिक्स हो जाता है। कुलसचिव दिनेश चंद्रा के ट्रांसफर के बाद 10 सितंबर 2024 को वर्तमान कुलसचिव डॉ. मंगल सिंह मंद्रवाल को कार्यभार ग्रहण करना था, लेकिन इससे पहले आनन-फानन में 9 सितंबर 2024 को भूपाल सिंह करायत कुलपति दीवान सिंह रावत का अनुमोदन लेकर कार्यवाहक कुलसचिव से 36 कर्मचारियों को इधर से उधर करने की सूची जारी करवा देते हैं। हैरानी की बात ये है कि एक दिन बाद ही कुलसचिव के पद पर डॉ. मंगल सिंह मंद्रवाल को चार्ज लेना था और खास बात ये कि ट्रांसफर हुए कर्मचारियों के हेड ऑफ डिपार्टमेंट्स को भी इस जानकारी से दूर रखा जाता है। बता दें कि अभी हाल ही में आरटीआई से फर्जी नियुक्तियों का मामला सामने आया था जिसमें कुलपति प्रोफेसर दीवान सिंह रावत ने फार्मेसी विभाग में अवैध तरीके से नियुक्ति पाए हुए असोसिएट प्रोफेसर डॉ. महेंद्र सिंह राणा को बर्खास्त करने की जगह यूनिवर्सिटी के बेहद संवेदनशील पद, परीक्षा नियंत्रक का चार्ज दे दिया, जिसपर मीडिया ने प्रमुखता के साथ खबर लगाई और डॉ. महेंद्र सिंह राणा को परीक्षा नियंत्रक के पद से इस्तीफा देना पड़ा । लेकिन डॉ. राणा इस्तीफा देने के बाद भी बच्चों को पढ़ाने फार्मेसी विभाग भीमताल नहीं गए बल्कि कुलपति की हठधर्मिता के चलते अभी भी यूनिवर्सिटी में बने हुए हैं। सूत्रों की मानें तो कुलपति प्रोफेसर दीवान सिंह रावत डॉ. महेंद्र सिंह राणा के करीबी और रिश्तेदार बताए जाते हैं इसीलिए कुलपति प्रोफेसर रावत ने नाम मात्र के लिए डॉ. महेंद्र सिंह राणा का इस्तीफा करवाकर चार्ज रजिस्ट्रार को दिया है और यूनिवर्सिटी के फाइनेंस और परीक्षा नियंत्रक के कार्य डॉ. महेंद्र सिंह राणा ही कर रहे हैं और रबर स्टाम्प के तौर पर नव नियुक्त रजिस्ट्रार साइन कर रहे हैं।   
कुमाऊँ यूनिवर्सिटी में वर्षों से हो रही अवैध नियुक्तियों पर की गई वैधानिक कार्यवाहियों की धज्जियां उड़ाने वाले वीसी दीवान सिंह रावत जो लगातार अपने पढे-लिखे होने का दंभ भरकर मनमाने ढंग से ट्रांसफर करने और संवेदनशील पदों पर भ्रष्ट कर्मचारियों को बैठाने को लेकर विवादों में आ चुके हैं ऐसे में ये कहना अतिशयोक्ति नहीं होगा कि कुमाऊँ यूनिवर्सिटी राम भरोसे चल रही है।