बीजेपी विधायकों ने भी छोड़ा मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल का साथ! मान रहे उन्ही की गलती,तो सोशल मीडिया पर छाए लखपत, घर पर लगा लोगों का तांता

BJP MLAs also left minister Premchand Agarwal's side! Lakhpat got angry on social media when he accepted that it was his mistake, people gathered at his house

विधानसभा सत्र के दौरान संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने अपने विवादित बयान पर खेद प्रकट कर दिया है। इसके बाद भी सोशल मीडिया और सड़कों पर विरोध दिख रहा है। इस सबके बीच भाजपा के वरिष्ठ विधायक बिशन सिंह चुफाल ने यह कहकर मौजूदा स्थिति की गंभीरता को बयां कर दिया है कि मंत्री प्रेमचंद की बयानबाजी से पहाड़ी मूल के लोगों की भावनाएं आहत हुई है। उन्हें लगातार क्षेत्र के लोगों द्वारा फोन किया जा रहा है। इतना ही नहीं सीनियर विधायक बिशन सिंह ने कहा कि प्रेमचंद अग्रवाल ने सदन में जो कहा वह गलत था। ऐसे में अपनी बात रखते समय संयम बरतना चाहिए। हालांकि उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि मामले पर मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल खेद प्रकट कर चुके हैं, इसलिए यह चैप्टर यहीं पर खत्म हो जाना चाहिए। 

भले ही संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने अपना वक्तव्य सदन के अंदर रखा हो, लेकिन इसकी गूंज पहाड़ के दूरस्थ क्षेत्रों तक भी सुनाई दे रही है। भारतीय जनता पार्टी भी जानती है कि यह मामला उसके लिए राजनीतिक रूप से बड़ा नुकसान कर सकता है। इसलिए इस पर पार्टी स्तर से भी सफाई दी जा रही है। इस सबके बीच सोशल मीडिया पर मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के खिलाफ जिस तरह लोगों द्वारा भड़ास निकाली जा रही है,उससे यह साफ है कि सत्र खत्म होने के बाद भी यह मामला फिलहाल थमता नहीं दिख रहा है। एक तरफ धामी सरकार के मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल का सदन में दिया गया बयान उनके लिए मुसीबत बना हुआ है तो दूसरी तरफ सदन में ही प्रेमचंद अग्रवाल के बयान का विरोध करने वाले कांग्रेस के विधायक लखपत सिंह बुटोला सोशल मीडिया पर छाए हुए हैं।  विधायक लखपत सिंह बुटोला के पक्ष में लोग खुलकर लिख रहे हैं और उनकी हिम्मत की भी दाद दी जा रही है। सोशल मीडिया के अलावा आम आम लोग विधायक के घर पर भी पहुंचने लगे हैं। इन सभी स्थितियों के बीच कांग्रेस के विधायक ने उन विधायकों पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं जिन्होंने विधानसभा में रहते हुए भी आपत्तिजनक टिप्पणी का प्रतिकार नहीं किया। चिंता केवल ऋषिकेश विधानसभा में मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल को लेकर ही नहीं है, बल्कि प्रदेश के पर्वतीय मूल से जीत कर आने वाले विधायक भी इस मामले पर लोगों की भावनाओं को लेकर खासे चिंतित हैं। दरअसल जिस तरह यह मामला पर्वतीय क्षेत्रों की विधानसभा में चर्चाओं का विषय बना हुआ है,उसके बाद इन क्षेत्रों से जीतकर आए विधायक भी इस पर भविष्य में राजनीतिक बदलाव को लेकर नजर बनाए हुए हैं।