ऊधमसिंह नगर जिले में किसानों को बड़ी राहत! ग्रीष्मकालीन धान की खेती पर प्रतिबंध हटा,सीएम धामी ने दिए निर्देश 

Big relief to farmers in Udham Singh Nagar district! Ban on summer paddy cultivation lifted, CM Dhami gave instructions

ऊधमसिंह नगर जिले में ग्रीष्मकालीन धान की खेती पर लगे प्रतिबंध को इस साल के लिए हटा लिया गया है। इसकी जानकारी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक समाचार एजेंसी के माध्यम से दी। इस प्रतिबंध का किसान संगठनों ने लगातार विरोध किया था। किच्छा विधायक तिलकराज बेहड़ ने आंदोलन की चेतावनी दी थी, जबकि गदरपुर विधायक अरविंद पांडेय ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपकर प्रतिबंध हटाने की मांग की थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगले साल इस पाबंदी को फिर से लागू किया जा सकता है।

उत्तराखंड के ऊधम सिंह नगर जिले में भूचल स्तर नीचे जा रहा है, जिसका बड़ा कारण ग्रीष्मकालीन धान की खेती को माना जा रहा है। इसीलिए ऊधम सिंह नगर प्रशासन ने जिले में ग्रीष्मकालीन धान की खेती पर रोक लगा दी थी। हालांकि अब किसानों की मांग पर सरकार ने इस साल धान की ग्रीष्मकालीन खेती को अनुमति देने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने खुद इसकी जानकारी दी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अपने गृह क्षेत्र खटीमा पहुंचे थे, जहां सीएम धामी से ग्रीष्मकालीन धान की खेती पर लगी रोक को लेकर सवाल किया गया। इस पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि कृषि विज्ञान के क्षेत्र में शोध हो रहे हैं, जिसमें नई-नई जानकारी निकलकर सामने आ रही है. शोध में ये पाया गया था कि ऊधम सिंह नगर जिले में नीचे जाते भूजल स्तर का एक प्रमुख कारण ग्रीष्मकालीन धान की खेती है।  इसीलिए प्रशासन ने ऊधम सिंह नगर जिले में ग्रीष्मकालीन धान की खेती पर रोक लगा दी थी, जिस कारण किसान काफी परेशान थे। सीएम धामी ने बताया कि इस मसले को लेकर कई किसान और किसानों के प्रतिनिधिमंडल उनसे मिले थे, जिन्होंने कहा कि अगले साल से वो इस समस्या का समाधान निकाल लेगे। यदि इस साल ग्रीष्मकालीन धान पर रोक रहेगी तो कई खेत बिना फसल के रह जाएंगे। इसलिए सरकार ने इस साल ग्रीष्मकालीन धान की खेती करने की अनुमति देने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि वैसे भविष्य में किसानों को वैकल्पिक खेती की ओर रुख करना चाहिए। प्रशासन के सहयोग से उन्हें इस साल अनुमति दी जाएगी, ताकि खेत बिना फसल के न रहें, लेकिन भविष्य में पर्यावरण को संरक्षित करना है और अर्थव्यवस्था के साथ-साथ पारिस्थितिकी का भी ध्यान रखना है। इन दोनों के बीच संतुलन बनाना होगा। इस साल इसमें छूट दी जाएगी।