बड़ी खबरः अपोलो अस्पताल को सुप्रीम कोर्ट की सख्त चेतावनी! गरीबों का इलाज नहीं हो रहा तो एम्स को सौंप देंगे नियंत्रण, जानें क्या है पूरा मामला?

Big news: Supreme Court's strict warning to Apollo Hospital! If the poor are not being treated, then control will be handed over to AIIMS, know what is the whole matter?

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने राजधानी दिल्ली के अपोलो अस्पताल को सख्त चेतावनी दी है कि अगर इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल में गरीब मरीजों को मुफ्त इलाज मुहैया नहीं कराया जाता है तो वो एम्स से इसे अपने अधीन करने को कहेगा। इस मामले में कोर्ट ने केन्द्र और दिल्ली सरकार को आदेश दिया है कि वे एक्सपर्ट्स की एक संयुक्त टीम भेजकर अपोलो अस्पताल के पिछले पांच सालों के रिकॉर्ड की जांच करें, ताकि पता लगाया जा सके कि क्या उसने 1994 के लीज समझौते के अनुसार 30 प्रतिशत इनडोर और 40 प्रतिशत आउटडोर रोगियों को मुफ्त इलाज प्रदान करने की अपनी प्रतिबद्धता को पूरा किया है। न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति एन. कोटिश्वर सिंह की पीठ ने अस्पताल प्रबंधन को स्पष्ट कर दिया कि पट्टा समझौते का उल्लंघन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

बता दें कि इंद्रप्रस्थ मेडिकल कॉरपोरेशन लिमिटेड (आईएमसीएल) को दिल्ली के पॉश इलाके में 15 एकड़ जमीन मात्र 1 रुपये के प्रतीकात्मक किराए पर दी गई थी। शर्त यह थी कि अस्पताल बिना लाभ-हानि के सिद्धांत पर संचालित होगा और कुल भर्ती मरीजों में एक-तिहाई गरीब मरीजों को मुफ्त इलाज दिया जाएगा। इसके अलावा, 40% बाह्य रोगियों (ओपीडी) का भी बिना किसी शुल्क के इलाज होना था। लेकिन अदालत को यह जानकारी मिली कि अस्पताल एक व्यावसायिक केंद्र में बदल गया है, जहां गरीबों को इलाज कराना बेहद मुश्किल हो गया है। पीठ ने कहा कि अगर अस्पताल अपनी जिम्मेदारी पूरी नहीं करता, तो वह इसे एम्स को सौंपने का आदेश दे सकती है। अदालत ने इस मुद्दे को बेहद गंभीरता से लेते हुए पूछा कि गरीब मरीजों को मिलने वाली सुविधाओं पर स्पष्ट रिपोर्ट क्यों नहीं दी जा रही।

जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने लीज समझौते का हवाला दिया, जिसके तहत दिल्ली सरकार की 26% हिस्सेदारी वाली इंद्रप्रस्थ मेडिकल कॉरपोरेशन को मथुरा रोड पर अपोलो अस्पताल स्थापित करने के लिए भूमि आवंटित की गई थी। बेंच ने कहा, 'हमें यकीन नहीं है कि अस्पताल अपने इनडोर सुविधा में गरीब रोगियों को 200 मुफ्त बिस्तर उपलब्ध करा रहा है या नहीं। अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसडी आनंद ने पीठ को सूचित किया कि अपोलो अस्पताल को आवंटित भूमि का 30 साल की लीज समाप्त हो गई है। इसके कारण पीठ ने केंद्र और दिल्ली सरकार को पिछले पांच वर्षों के अस्पताल के रिकॉर्ड का निरीक्षण करने के लिए एक एक्सपर्ट टीम गठित करने का आदेश दिया ताकि पता लगाया जा सके कि उसने लीज समझौते की शर्तों का सम्मान किया है या नहीं।