बिग ब्रेकिंग : क्या भारत मे जल्द डिजिटल करेंसी पर लगेगा बैन, 2022 में क्या करने वाली है सरकार
एक तरफ जहां चीन में क्रिप्टोकरेंसी को पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया गया है तो दूसरी ओर भारत में भी क्रिप्टाकरेंसी पर बैन लगाए जाने की चर्चाएं सोशल मीडिया में छाई हुई हैं।
डिजिटल करेंसी पर शिकंजा कसने के लिए जहां भारत सरकार शीतकालीन सत्र में बिल पेश करने वाली है। वहीं दूसरी ओर अल साल्वाडोर में बिटक्वाइन सिटी बनाने के साथ ही 2022 में बिटक्वाइन बॉन्ड जारी करने की तैयारी शुरू हो चुकी है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, अल साल्वाडोर अगले साल एक बिलियन डॉलर के बिटकॉइन बॉन्ड जारी करने की योजना बना रहा है। क्रिप्टो कैपिटल को आकर्षित करने के लिए आर्थिक रूप से तनाव झेल रहे मध्य अमेरिकी देश की तरफ से ये एक नई कोशिश है। गौरतलब है कि अल साल्वाडोर इस साल बिटक्वाइन को राष्ट्रीय मुद्रा के तौर पर अपनाने वाला पहला देश बन गया, अब इसकी योजना अमेरिका में एक अरब डॉलर के बॉन्ड बेचने की है।
अल साल्वाडोर ने इस योजना के लिए कनाडा स्थित एक डिजिटल एसेट इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी ब्लॉकस्ट्रीम के साथ करार किया है। इस कंपनी के साथ मिलकर बिटक्वाइन बॉन्ड जारी किए जाएंगे। बॉन्ड ब्लॉकचेन पर जारी किए जाएंगे, ये एक डिजिटल लेजर है, जो बैंकों की तरह बिचौलियों के बिना ट्रेडिंग करने में मदद करता है। रिपोर्ट के मुताबिक, इसके जरिए जो कमाई होगी उस पैसे का आधा हिस्सा पांच साल के लिए बिटकॉइन खरीदने में इस्तेमाल होगा, जबकि बाकी का पैसा बिटकॉइन सिटी से जुड़ी परियोजनाओं पर खर्च किया जाएगा।
भारतीय निवेशकों में चिंता बढ़ी
क्रिप्टोकरेंसी के अनियमित उतार-चढ़ाव से निवेशकों को बचाने के लिए मोदी सरकार ने सख्त कदम उठाने का फैसला कर लिया है। इसके तहत भारत सरकार ने 23 नवंबर को क्रिप्टोकरेंसी बिल लाने का एलान किया, जिसके तहत देश में सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगा दिया जाएगा। हालांकि, आरबीआई द्वारा अपनी डिजिटल करेंसी लाने पर भी चर्चा की जा रही है और कैबिनेट बैठक में इस पर बड़ा फैसला हो सकता है। लेकिन फिलहाल जो हालात बनते दिख रहे हैं, उसका असर देखें तो भारत के करीब आठ फीसदी लोग जिन्होंने क्रिप्टोकरेंसी में लगभग 70 हजार करोड़ रुपये निवेश किया है, उनकी चिंता बढ़ गई है।
आपको बता दें कि मंगलवार को जैसे ही खबर आई कि भारत सरकार क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े बिल ‘द क्रिप्टोकरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल, 2021’ शीतकालीन सत्र में पेश करेगी। देखते ही देखते क्रिप्टोबाजार में भूचाल आ गया। इसका असर ये हुआ कि सभी तरह की क्रिप्टोकरेंसी में 25 से 30 फीसदी की गिरावट आ गई।
सौजन्य:अमर उजाला