नेताजी का गजब कारनामा! खुद ही रच डाली अपने अपहरण की साजिश, 12 घंटे का समय और पुलिस ने कहानी से उठा दिया पर्दा

Amazing feat of Netaji! He himself hatched the conspiracy to kidnap himself, it took 12 hours and the police uncovered the story.

झांसी। यूपी के झांसी से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है, यहां गुरुवार को हुए आजाद समाज पार्टी के विधानसभा अध्यक्ष धर्मेंद्र वाल्मीकि के अपहरण मामले में नया मोड़ आया है। पुलिस ने मात्र 12 घंटे में साजिश का खुलासा करते हुए धर्मेंद्र को बांदा से बरामद किया और मोंठ थाने लाकर सच्चाई उजागर की। पुलिस ने धर्मेंद्र के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है। मामला झांसी जिले के मोंठ थानांतर्गत बड़ा पूरा मोहल्ले का है। यहां के रहने वाले राशन डीलर सतीश कुमार वाल्मीकि का बेटा धर्मेंद्र आजाद समाज पार्टी का गरौठा विधानसभा अध्यक्ष है। पिता ने गुरुवार 16 जनवरी को मोंठ थाने में शिकायत की थी कि उसके बेटे धर्मेंद्र का मॉर्निंग वॉक के दौरान अपहरण कर लिया गया और अब उससे व्हाट्सएप के जरिए पांच लाख रुपये की फिरौती मांगी जा रही है। मामले की गंभीरता को समझते हुए मोंठ थाना प्रभारी सरिता मिश्रा ने स्वॉट और सर्विलांस टीम की मदद से धर्मेंद्र की खोजबीन शुरू की। सर्विलांस के जरिए उसकी लोकेशन कालपी, कानपुर, फतेहपुर होते हुए बांदा में मिली। पुलिस ने तुरंत बांदा पहुंचकर धर्मेंद्र को सकुशल बरामद किया और झांसी ले आई। पुलिस की पूछताछ में पता चला कि धर्मेंद्र ने खुद ही अपने अपहरण की साजिश रची थी। 
आजाद समाज पार्टी के विधानसभा अध्यक्ष धर्मेंद्र वाल्मीकि ने बताया कि उसने झांसी के शिवाजी नगर में डेढ़ लाख रुपये में एक मकान का एग्रीमेंट कराया था, जिसकी समयसीमा खत्म हो रही थी। मकान के लिए 5 लाख रुपये की जरूरत थी, लेकिन पिता ने मदद से इनकार कर दिया। इसके बाद उसने अपने अपहरण का ड्रामा रचकर परिवार से पैसे ऐंठने की योजना बनाई। पुलिस अधीक्षक ग्रामीण गोपीनाथ सोनी ने बताया कि धर्मेंद्र ने मॉर्निंग वॉक पर जाने का बहाना बनाया और झांसी से बस के जरिए कालपी, कानपुर, फतेहपुर होते हुए बांदा पहुंच गया। वहां से उसने वॉट्सएप के माध्यम से फिरौती का संदेश भेजा, लेकिन पुलिस की त्वरित कार्रवाई ने उसकी योजना को नाकाम कर दिया।