हाईवे के लिए 3400 पेड़ों की कुर्बानी! कटान मामले में हाईकोर्ट ने की सुनवाई

3400 trees sacrificed for highway! High court heard the felling case

एनएचएआई के द्वारा ऋषिकेश  के भानियावाला में बनाए जा रहे फोर लेन सड़क की जद में आ रहे करीब 3400 पेड़ों के कटान के मामले पर सुनवाई की। आज हुई सुनवाई के दौरान राज्य के पूर्व प्रमुख वन संरक्षक जयराज भी याचिका में पक्षकार बने हैं और उन्होंने इन पेड़ों के कटान को हाथी कॉरिडोर के लिये नुकसानदेह बताया है । कोर्ट ने उनसे इस मामले में सुझाव मांगे हैं । सुनवाई के दौरान नेशनल हाइवे अथॉरटी ऑफ इंडिया व मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये कोर्ट में पेश हुए थे। हाईकोर्ट में वन विभाग की ओर से बताया गया कि फोर लेन सड़क निर्माण की जद में आ रहे 3400 पेड़ों में से एक तिहाई का ट्रांसप्लांट किया जा सकता है । हाईकोर्ट ने इस मामले में एफ़ आर आई ,के विशेषज्ञों की मदद लेने को कहा है । जिस पर सरकार ने बताया कि विशेषज्ञों को मौके पर जाकर रिपोर्ट देने में 4 हफ्ते का समय लग सकता है । सभी पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने पेड़ों के कटान पर रोक जारी रखते हुए अगली सुनवाई की तिथि 5 मई निर्धारित की है ।
 
आपको बता दे की देहरादून निवासी रीनू पाल ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि ऋषिकेश भानियावाला के बीच सड़क चौड़ीकरण के लिए 3 हजार से अधिक पेड़ों को काटने के लिए चिन्हित किया गया है जो कि एलीफेंट कॉरिडोर के मध्य में आता है। जिसकी वजह से हाथी कॉरिडोर सहित अन्य जंगली जानवर   प्रभावित हो सकते है। इसके बनने से जानवरों की दिनचर्या प्रभावित हो सकती है। लिहाजा इसपर रोक लगाई जय। पूर्व में भी उच्च न्यायालय के हस्तक्षेप के बाद शिवालिक एलीफेंट रिजर्व को संरक्षित किया गया था।