108 सेवा से बेरोज़गार हुये कर्मचारियों की समस्याओं का निस्तारण करने के हाईकोर्ट ने दिये निर्देश

राज्य में 108 सेवा सुचारू रूप से नहीं चल पाने पर नैनीताल हाईकोर्ट ने मेडिकल हेल्थ फैमिली वैल्फेयर को बेरोजगार हुये कर्मचारियों की समस्याओं का जल्द निस्तारण करने के निर्देश दिये हैं।जीवीके आपातकालीन सेवा 108 की कार्यावधि समाप्त हो जाने के चलते कालाढूंगी निवासी पूरन चन्द्र जोशी ने नैनीताल हाईकोर्ट में याचिका दायर कहा कि वो 108 आपातकालीन सेवा में सन् 2010 से कार्य करते आये हैं, पर अब जीवीके 108 सेवा प्रदान करने वाली कम्पनी का कार्यकाल समाप्त हो गया है, जिसके चलते जितने भी चालक 108 सेवा को चला रहे थे वो सभी बेरोजगार हो गये हैं।वहीं राज्य सरकार ने राज्य में 108 सेवा चलाने के लिये किसी और कम्पनी का ठेका करार कर लिया है, और ये कम्पनी प्रदेश में उन्हे समायोजित नहीं कर रही है ,क्योंकि इस कम्पनी ने कुछ शर्तें रखी हैं, एक तो चालकों किसी भी जगह कार्य करने को तैयार हों, दूसरा जो वेतन पहले उन्हे 18 हजार दिया जाता था, वो अब केवल नौ हजार ही देंगें।याचिकाकर्ताओं का कहना है कि वो इस सेवा के लिये किसी भी जगह कार्य करने को तैयार है ,लेकिन वेतन में कटौती को नहीं, जो वेतन पहले दिया जाता था वही उन्हे अब भी दिया जाये।इस सेवा को देते हुये कर्मचारियों को दस साल से भी ज्यादा हो गयें है, अब और ज्यादा उनकी उम्र नही है काम करने की, लिहाजा उनको इसी में समायोजित किया जाये।

फिलहाल कोर्ट ने पूरा मामला सुनने के बाद सैक्रेट्री हेल्थ को कर्मचारियों की समस्याओं को निस्तारित करने के निर्देश दिये हैं।