हो हल्ला मचाने की जगह पर्यावरण को बचाने के लिए कुछ ऐसा किया होता।

15 अगस्त 2019 को जब देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी टीवी पर लोगो से पॉलीथिन का इस्तेमाल न करने की अपील कर रहे थे तब लाखो लोगो ने उन्हें ये अपील करते देखा होगा,लेकिन एक परिवार ऐसा भी है जिसने पीएम की उस अपील को अपने दिलोदिमाग में बैठा लिया और खुद तो पॉलीथिन का इस्तेमाल बन्द किया ही साथ ही लोगो को भी जागरूक करने की मुहिम चला दी।प्लास्टिक से होने वाले नुकसान से आज पूरी दुनिया लड़ रही है,रोज़मर्रा की ज़िंदगी मे देखा जाए तो हर जगह आपको किसी न किसी रूप में प्लास्टिक दिख ही जाएगी,खासकर तब जब आपको बाजार से कुछ सामान लाना हो तो आप सबसे पहले बैग तलाशते हैं।लेकिन क्या आपको प्लास्टिक से होने वाले नुकसान के बारे में पता है?प्लास्टिक को खत्म होने में 500 से हज़ारों साल तक लग जाते है, लेकिन तब भी प्लास्टिक पूरी तरह खत्म नही हो पाती है।प्लास्टिक से सबसे बड़ा नुकसान यह होता है कि जब ये गलता है तो मिट्टी में कई तरह के हानिकारक रसायन छोड़ देता है जो बाद में नदी-नालों से होते हुए समुद्री जीव जंतुओं के लिए जानलेवा साबित होता है। 

प्लास्टिक और पॉलीथिन से होने वाले नुकसान को देखते हुए छत्तीसगढ़ के रायपुर में एक परिवार ने प्लास्टिक के खिलाफ जंग छेड़ दी है।जंग भी ऐसी की ये परिवार ना तो खुद पॉलीथिन का इस्तेमाल कर रहा है ना ही अपने आसपास के लोगो को करने दे रहा है।रायपुर के सुरेन्द्र बैरागी और उनका परिवार लोगों को प्लास्टिक से होने वाले नुकसान से बचाने पूरे शहरभर में घूम घूम कर कपड़े के बैग बाँट रहे हैं, सुरेंद्र की पत्नी आशा घर मे ही पुराने कपड़ों और चादरों से हर रोज़ बैग बनाती हैं और उनका पूरा परिवार  शहर में जा जा कर उन बैगो को मुफ्त में बांटने का नेक काम कर रहे हैं।


सब्जी मंडी में सुरेन्द्र हाथ से बनाये कपड़ों के थैले बाँटते हुए।


सुरेन्द्र ने इस कार्य की शुरूआत 15 अगस्त 2019 से की ।सुरेन्द्र अपनी पत्नी के साथ टीवी पर प्रोग्राम देख रहे थे, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी टीवी पर लोगो से प्लास्टिक और पॉलीथिन से होने वाले नुकसान के बारे में बताते हुए लोगो से पॉलीथिन का इस्तेमाल ना करने की अपील कर रहे थे ,पीएम की बातों से सुरेन्द्र और उनकी पत्नी ने उसी दिन ठान लिया कि आज से प्लास्टिक और पॉलीथिन का इस्तेमाल बन्द करना है,इसके लिए उन्होंने उसी दिन 60 कपड़ों के थैले बनाये और पास की ही सब्जी बाजार में जाके बाँट दिए,थैले बांटते हुए उनके परिवार ने लोगों से अपील भी की ,कि आज से आप कपड़ो के बने हुए थैलो का ही इस्तेमाल करें, इस मुहिम में अब सुरेन्द्र के साथ 30 से ज़्यादा लोग और जुड़ चुके है जो हाथ से कपड़ो के थैले बना कर जगह जगह जाके मुफ्त के बाँट कर आते है।


सुरेन्द्र और उनका परिवार अब तक करीब 1000 से भी ज़्यादा कपड़े के थैले बाँट चुके हैं।रायपुर में अब सुरेन्द्र के द्वारा चलाई गई इस मुहिम का असर भी दिखने लगा है,सब्जी और फल विक्रेता अब खुद भी ग्राहकों से पॉलीथिन के बैग के लिए मना करने लगे हैं।पॉलीथिन और प्लास्टिक से होने वाले नुकसान को देखते हुए सुरेन्द्र और उनके परिवार की तरफ से आज देश में प्लास्टिक प्रदूषण के प्रति जागरुकता बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है।